UP: बदायूं में गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रहीं महिलाएं, चमकदार हुए पंचायत भवन

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आईएएनएस
Updated Jun 21, 2022 | 12:45 IST

स्वयं सहायता को चलाने वाली ममता ने बताया कि गोबर को वैज्ञानिक तरीके से संशोधित करके डिस्टेंपर और इमल्सन पेंट बनाया जा रहा है। ये बाजार के पेंट से काफी सस्ता और टिकाऊ भी है। इसे बनाने के लिए गोबर उबाला जाता है। इसके पानी में सीएमसी मिलाकर पेंट बनाते है।

In Badaun, women are making natural paint from cow dung, panchayat building is shining
UP: बदायूं में गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रहीं महिलाएं। 

उत्तर प्रदेश के बदायूं में महिलाएं गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रही है। बदायूं की गौशाला में बन रहे प्राकृतिक पेंट से आंगनबाड़ी, प्राथमिक विद्यालय और पंचायत भवन चमकदार बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अर्न्तगत बदायूं के रफियाबाद में संचालित शिव पार्वती महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोवंश के गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रही है। इसका उपयोग जनपद के सभी सरकारी विभागों की इमारतों की दीवारों की रंगाई-पुताई में किया जा रहा है।

बाजार के पेंट से काफी सस्ता है
स्वयं सहायता को चलाने वाली ममता ने बताया कि गोबर को वैज्ञानिक तरीके से संशोधित करके डिस्टेंपर और इमल्सन पेंट बनाया जा रहा है। ये बाजार के पेंट से काफी सस्ता और टिकाऊ भी है। इसे बनाने के लिए गोबर उबाला जाता है। इसके पानी में सीएमसी मिलाकर पेंट बनाते है। यह कम से कम तीन साल तक चलता है। इसकी शुरूआत फरवरी में हुई थी। अभी तक हमने 75 हजार लीटर तक पेंट बनाया है। 60 रुपए लीटर हमें पड़ता है। 75 रुपए में बेंचते है। इससे लगभग तीन लाख की कमाई हो गयी है।

ईको फ्रेंडली है पेंट
उन्होंने बताया कि इसे मिक्सिंग करना आसान होगा। दीवाल या कहीं और लगाने के बाद फिनिशिंग काफी बढ़िया होगी। यह ईको फ्रेंडली है। एंटी बैक्टिरियल एंटी फंगस भी है। इसके अलावा गोबर से बने पेंट की कई खासियत हैं। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने बताया कि जिले में ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। गौशाला में गाय के गोबर से स्वयं सहायता समूह की महिलाये पेंट बना कर आत्मनिर्भर होकर अपने क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। इसी के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर महिलायें अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रही हैं। महिलायें छोटे छोटे उद्योग लगाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं।

आय के नए अवसर मिले
उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की भागीदारी से बनाए जा रहे प्राकृतिक पेंट पूरे तौर पर इको फ्रेंडली हैं। इसमें एक तिहाई गाय के गोबर का प्रयोग किया गया है। ऐसे में गौशालाओं, महिलाओं संग अन्य को भी आय के नए अवसर मिले हैं। इस प्राकृतिक पेंट से प्राथमिक जूनियर स्कूल, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी और सरकारी कार्यालयों में रंगाई पुताई की जा रही है। ऐसे में उनको नए रोजगार के अवसरों संग यूपी इको फ्रेंडली कार्यक्रम को बढ़ावा देने की राह बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही स्थानीय व्यापारी भी इस पेंट के प्रयोग को बढ़ाने में अपनी भागीदारी देंगे। इस प्राकृतिक पेंट के लिए एमओयू पर चर्चा की जा रही है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्रदेश के हर जिले में इस प्राकृतिक पेंट के प्रचार प्रसार और निर्माण कराने के आदेश दिए हैं।

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