Seat Belt New Rules: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे की मौत ने पूरे देश को हिला दिया। चौंकाने वाली बात यह थी कि मिस्त्री लग्जरी कार कंपनी मर्सडीज के ऐसे मॉडल में सफर कर रहे थे, जिसे 5 स्टार रेटिंग मिली हुई थी। यानी उसे काफी सुरक्षित माना जा रहा था। लेकिन उसके बाद भी मिस्त्री की मौत ने सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए । मिस्त्री पीछे की सीट पर बैठे हुए थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई हुई थी। और यह उनकी मौत की एक बड़ी वजह बन गई। मिस्त्री की मौत से सबक लेते हुए, अब सरकार कार और दूसरे चार पहिया वाहनों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाहनों में कई अहम बदलाव करने जा रही है।
मंत्रालय ने जारी किया ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नियमों में बदलाव के लिए ड्रॉफ्ट प्रपोजल तैयार किया है। जिसके तहत कारों की सेफ्टी फीचर्स में कई अहम बदलाव करने की बात कही है। इसके तहत ऐसे बदलाव की तैयारी है। जिसमें पीछे बैठने वाले यात्री सीट बेल्ट बांधने में लापरवाही नहीं करे। साथ ही कई बार सीट बेल्ट लगाने से बचने के लिए लोग जुगाड़ के जरिए अलर्ट बीप को बजने नहीं देते। नई व्यवस्था में इन सभी बातों को ध्यान रखकर बदलाव किए जाएंगे। जिससे पीछे की सीट पर बैठने वाला व्यक्ति भी सीट बेल्ट लगाए। और सुरक्षित रहे। नए प्रपोजल पर सरकार ने 5 अक्टूबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं, उसके बाद जल्द ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
इन बदलावों की है तैयारी
क्या होती है M, N और M 1 कैटेगरी
M और N कैटेगरी वाहनों में सीट बेल्ट अलार्म अनिवार्य होगा और M1 केटेगरी की गाड़ियों में चाइल्ड लॉक की इजाजत नहीं होगी
सभी M, N केटेगरी गाड़ियों में Reverse अलार्म होना जरूरी ।ऐसे यात्री वाहन जिसमें जिसमें कम से कम 4 पहिये हो। वह M कैटेगरी में कहलाते हैं। जबकि ऐसे जो ढुलाई के काम आते हैं लेकिन उसमें यात्री भी बैठते हैं, वह कैटेगरी में आते हैं। इसी तरह M1 कैटेगरी वाहन वह होतें हैं, जिसमें 8 से ज्यादा सीट नहीं होती है।
1.55 लाख लोगों ने गंवाई सड़क हादसे में जान
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में भारत में करीब 1.55 लाख लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है। जो कि किसी एक साल में, अब तक की सबसे ज्यादा मौतें हैं। साल 2021 में 3.71 लाख लोग सड़क हादसे में घायल हुए हैं। जबकि इस दौरान 4 लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई है। अगर दुनिया के आंकड़ों को देखा जाय तो भारत की स्थिति और चिंताजनक दिखाई देती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा अप्रैल में दी गई जानकारी के अनुसार भारत में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं घायलों के आधार पर भारत तीसरे स्थान पर आता है।