Gratuity in Hindi: वैसे तो ग्रेच्युटी का नियम सालों पुराना है, लेकिन आज भी कई लोगों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। आज भी बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठ है कि आखिर ग्रेच्युटी है क्या, इसे कैसे कैलुक्लेट किया जाता है, इसका फायदा किन लोगों को मिलता है, आदि। आइए आपकी सारी कंफ्यूजन दूर करते हैं।
क्या है ग्रेच्युटी? (What Is Gratuity)
कंपनियां कर्मचारियों को ना सिर्फ सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड का लाभ देती है, बल्कि उन्हें ग्रेच्युटी भी मिलती है। अगर कोई कर्मचारी किसी एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करता है, तो उसे नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी मिलती है। यह कंपनी की ओर से एक रिवॉर्ड की तरह होती है।
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कब मिलती है ग्रेच्युटी?
अगर आप नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करते हैं, तो आपको ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है। अगर कोई कर्मचारी किसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है। पांच साल के बाद नौकरी छोड़ने पर कंपनी आपको ग्रेच्युटी की रकम देती है, जिसे एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत कैलकुलेट किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट होती है ग्रेच्युटी? (How To Calculate Gratuity)
कंपनी अपनी मर्जी से कर्मचारियों को कितनी भी ग्रेच्युटी नहीं दे सकती है। इसे कैलकुलेट करने का एक फॉर्मूला है। ये है ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला (Gratuity Calculation Formula)-
पिछली सैलरी X काम करने की अवधि X 15/26
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ध्यान रहे कि यहां पिछली सैलरी का मतलब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA) और बिक्री पर मिला कमीशन है।
उदाहरण से समझें आपको कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी-
मान लीजिए कि आपकी पिछली सैलरी 50,000 रुपये प्रति महीना है और आपने 6 सालों तक एक ही कंपनी में काम किया है। ऐसी स्थिति में आपकी ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन ऐसे होगी-
50,000 X 6 X 15/26 = 1,73,076
इस तरह आपको 1,73,076 रुपये ग्रेच्युटी के तौर पर मिलेंगे।