- घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को प्रशासन ने दी बड़ी राहत
- 1570 करोड़ रुपए के बकाए से मिलेगी राहत
- बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू
Electricity Consumers Big Relief: दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) ने बिजली के बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू कर दी है। एक जून से 30 जून तक घरेलू, नलकूप और पांच किलोवाट तक के कॉमर्शियल बिजली उपभोक्ता ब्याज में सौ फीसदी तक राहत पा सकेंगे। एक लाख तक के बकायेदार आसान छह किस्तों में और एक लाख से अधिक के बकायेदार 12 किस्तों में धनराशि जमा कर सकते हैं। बता दें कि डीवीवीएनएल 21 जनपदों में बिजली आपूर्ति देता है। 22 लाख उपभोक्ता इससे पोषित होते हैं। आगरा जोन-1 और जोन-2 में 5.80 लाख घरेलू उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन पर विभाग का 1570 करोड़ रुपये बकाया है।
उपभोक्ता बिजली के बकाए पर 18 फीसदी की ब्याज दे रहे हैं। आगरा के 15 ब्लॉक अधिकारियों ने सात डिवीजन बांटे हैं। इनमें 19 सब डिवीजन हैं। डीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक अमित किशोर ने बताया कि एकमुश्त समाधान योजना 30 जून तक है।
ये है योजना में खास
योजना में एलएमवी-1 घरेलू, एलएमवी-5 नलकूप और एलएमवी-2 वाणिज्यिक के पांच किलोवाट के भार तक उपभोक्ताओं को बकाए में सौ फीसदी ब्याज में छूट दी जाएगी। उपभोक्ता नजदीकी सीएचसी में, एसडीओ कार्यालय में या ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। प्रबंध निदेशक ने बताया कि आगरा के दोनों जोन में 2.16 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके पास दस हजार से अधिक बकाया चला आ रहा है।
जनता दरबार में पहुंचे बिजली उपभोक्ता
निजी कंपनी टोरंट पावर के जनता दरबार में दोपहर से ही बिजली के उपभोक्ताओं का आवागमन शुरू हो गया। बिजली चोरी, पार्ट पेमेंट, ओटीएस में छूटी किस्तों के समाधान को उपभोक्ता पहुंचे। 215 समस्याओं का निस्तारण किया गया। दोपहर 3 बजे से ग्राहक सेवा केंद्र सदर बाजार में महाप्रबंधक संजय कुमार, महाप्रबंधक निशीकांत गुप्ता, महाप्रबंधक अब्दुल सलाम ने समस्याएं सुनीं।
बिजली विभाग के मुकदमों से मिल सकेगी राहत
बता दें कि बकायेदारों के खिलाफ बिजली विभाग ने अभियान छेड़ दिया था। हालात यह थे कि आगरा में प्रतिदिन 50 से 60 मुकदमे बिजली चोरी और बकायेदारों के खिलाफ दर्ज किए जा रहे थे। ओटीएस के दौरान उपभोक्ता बकाए यदि एक लाख से कम है तो छह किस्त और एक लाख से अधिक है तो 12 किस्तों में जमा करवा दें। ताकि बिजली विभाग के मुकदमे से राहत मिल सके।