- वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट में शामिल हुए आगरा मंडल के 47 रेलवे स्टेशन
- रेलवे स्टेशनों पर सजेंगी लोकल कारीगरों की दुकानें
- दूसरे चरण में आगरा रेल मंडल के 47 स्टेशन चुने
One Station-One Product: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा रेल मंडल में वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना विस्तार किया गया है। इस योजना के तहत स्थानीय हस्तशिल्पी, दस्तकार और हुनरमंदों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए रेलवे स्टेशन पर जगह मुहैया कराई जा रही है। पूर्व में शुरू की गई योजना को अब आगरा मंडल के छोटे-बड़े सभी स्टेशनों पर लागू करने का आदेश जारी हो गया है। किस स्टेशन पर कौन सा प्रोडक्ट बिकेगा, यह भी फाइनल हो गया है। दूसरे चरण में आगरा रेल मंडल के 47 स्टेशन चुने हैं। कैंट, फोर्ट, ईदगाह समेत अन्य स्टेशन पर 10 रुपए से एक हजार रुपए तक का सामान यात्री खरीद सकेंगे।
पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि योजना की शुरुआत 25 मार्च को हुई थी। उसकी सफलता के बाद अब दूसरे चरण में इसका विस्तार किया जा रहा है। योजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय और स्वदेशी उत्पाद के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। साथ ही रेल यात्रियों को अलग-अलग संस्कृति और विरासत की जानकारी देना लक्ष्य है।
लोकल कारीगरों को मिलेगी मजबूती
इसके साथ ही लोकल कारीगरों को मजबूती भी प्रदान होगी। स्टॉल्स में हस्त शिल्प, कलाकृतियां, स्थानीय वस्त्र से लेकर हथकरघा और कृषि उत्पादों की बिक्री होगी। आगरा रेल मंडल के जिन स्टेशनों का चयन किया गया है। वहां बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनें रुककर चलती हैं।
स्टेशन पर सजेंगी दुकानें
प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे ने आगरा मंडल के आगरा फोर्ट पर चमड़ा उत्पाद, राजामंडी पर गलीचा, कोसीकलां पर अगरबत्ती व धूपबत्ती, धौलपुर पर दुग्ध उत्पाद, मथुरा के भूतेश्वर स्टेशन पर पोशाक व पूजन सामग्री, होडल पर टेरीकोटा, ईदगाह पर लकड़ी हस्तशिल्प उत्पाद, अछनेरा पर पत्थर की मूर्ति व जूट मैट, गोवर्धन पर लड्डू गोपाल की मूर्ति व पोशाक, फतेहपुर सीकरी पर नान खटाई, अझई पर गिलट के आभूषण की स्टॉल लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही छाता स्टेशन पर गिलट के आभूषण, एत्मादपुर पर आलू, कुबेरपुर पर आलू, यमुना ब्रिज पर लेदर हैंडीक्राफ्ट, किरावली पर पेड़ा, मिढ़ाकुर पर दरियां, मनिया पर दुग्ध उत्पाद, तांतपुर पर लाल पत्थर, शमशाबाद टाउन पर गलीचा, फरह पर रबड़ी, रायभा पर फालसे, बिचपुरी पर लेदर वर्क, बिल्लोचपुरा पर गलीचा, बाद पर पत्थर की मूर्ति व मंदिर व कीथम पर रबड़ी की स्टॉल लगाने का फैसला किया है।