- 12 जनवरी ,1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था
- उनका देहावसान 4 जुलाई 1902 को हुआ और उनका जीवन सिर्फ 39 वर्षों का रहा
- स्वामी विवेकानंद के भाषणों का , विचारों का आज भी पूरा दुनिया लोहा मानती है
नई दिल्ली: तेजस्वी और ओजस्वी वाणी के जरिए भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का दुनिया भर में डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद की 4 जुलाई को पुण्यतिथि है। स्वामी विवेकानंद का जीवन सिर्फ 39 वर्षों का रहा और 4 जुलाई 1902 को उनका देहावसान हुआ।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपने इस छोटे से जीवन में जो किया उसे ना सिर्फ भारत बल्कि उसका डंका पूरी दुनिया में बजता है। उनके ओजस्वी अनमोल विचार आज भी युवा,बच्चे और सभी उम्र के लोगों में प्रेरक पुंज के रुप में कौंधते है। वह भारत के ऐसे आध्यात्मिक गुरु हुए जिनके विचारों, भाषणों और तर्कों का पूरी दुनिया ने लोहा माना।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं।
जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
anmol vachan swami vivekananda quotes in hindi
जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है
तुम्हें अंदर से सीखना है सबकुछ। तुम्हें कोई नहीं पढ़ा सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। अगर यह सब कोई सिखा सकता है तो यह केवल आपकी आत्मा है।
तुम किसी को दोष मत दो। अगर तुम अपने हाथ आगे बढ़ाकर किसी की मदद कर सकते हो तो करो, अगर नहीं कर सकते हो तो अपने हाथ बांधकर खड़े रहो।
सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नहीं छोड़ना चाहिए।
अगर कोई पाप है, तो वो सिर्फ और सिर्फ अपने आपको या दूसरों को कमजोर मानना है।
जिस पल मुझे यह ज्ञात हो गया कि हर मानव के हृदय में भगवान हैं तभी से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा हूं और उसी पल मैं हर बंधन से छूट गया।
ईसा मसीह की तरह सोचो और तुम ईसा बन जाओगे। बुद्ध की तरह सोचो और तुम बुद्ध बन जाओगे। जिंदगी बस महसूस होने का नाम है।