- आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी पद्धति से होगा इलाज
- 50 बिस्तर के अस्पताल में होंगी तमाम आधुनिक सुविधाएं
- 6 करोड़ होंगे निर्माण पर खर्च
Agra Health Development News: ताज नगरी के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। जिले के लोगों को अब कैंसर, हार्ट डिजीज व घुटनों के दर्द सहित अन्य गंभीर बीमारियों के लिए इधर- उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इनका इलाज एक ही छत के नीचे कई चिकित्सा पद्धतियों से किया जाएगा। इसे लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब नौ करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है। आयुष विभाग की ओर से जिला प्रशासन को एक एकड़ जमीन आवंटित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। अगर सब कुछ समय पर हुआ तो जिला मुख्यालय पर 50 बिस्तर का आयुष अस्पताल जल्द तैयार हो जाएगा।
इसे लेकर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ जेके राणा ने बताया कि शहर के सीमावर्ती इलाके में करीब एक हेक्टेयर जमीन पर अस्पताल बनना प्रस्तावित है। सरकार की ओर से अस्पताल के लिए करीब 9 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया गया है। अब जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन आंवटित होते ही अस्पताल के भवन का निर्माण आरंभ कर दिया जाएगा। जिससे इलाके के लोगों को एक ही छत के नीचे आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जरिए तमाम तरह के गंभीर रोगों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
6 करोड़ से बनेगा अस्पताल
डॉ राणा ने बताया कि आयुष अस्पताल की बिल्डिंग पर छह करोड़ की लागत आएगी। इसके अलावा बाकी के 3 करोड़ अस्पताल में तमाम सुविधाओं के लिए खर्च होंगे। डॉ राणा के मुताबिक आयुष अस्पताल को लेकर गत 2 सालों से प्रयास चल रहे हैं, जमीन नहीं मिलने के कारण इसके निर्माण में देरी हुई है। हालांकि पूर्व में फतेहाबाद के पास 1 हेक्टेयर जमीन जिला प्रशासन ने आवंटित की थी। मगर अस्पताल शहर के सीमावर्ती इलाके में बनने की शर्त के चलते उसे रद्द करना पड़ा। अब नए सिरे से जमीन की तलाश चल रही है।
कोरोना के बाद लोगों की सोच बदली
डॉ राणा के मुताबिक आयुष अस्पताल बनाने के पीछे सरकार का मकसद है कि कोरोना काल के बाद लोगों में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी पद्धति से इलाज करवाने की मानसिकता में बदलाव आया है। लोग अब एलोपैथी की जगह इनमें विश्वास जताने लगे हैं। मगर सरकारी स्तर पर इस तरह के इलाज के लिए एलोपैथिक जैसी सुविधाएं नहीं है जिसके चलते सरकार अब यह हॉस्पिटल बनाने जा रही है, जिसमें तमाम तरह की गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा।