- आगरा में बिना लाइसेंस के चल रहा था अस्पताल
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मारा छापा
- मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ
Agra Hospital Fraud News: उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में बिना लाइसेंस के ही अस्पताल चल रहा था। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली तो अस्पताल पर छापा मारा। वहीं छापेमारी के दौरान अस्पताल का स्टाफ मौके से भाग गया। अस्पताल में चार मरीज भर्ती मिले। सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। इसके अलावा अस्पताल पर चिकित्सकीय कार्य बंद करने का नोटिस भी चस्पा दिया गया है।
बताया गया कि शहर में भ्रूण का एक वीडियो वायरल हुआ था। वहीं वायरल वीडियो की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली तो कार्रवाई की गई। अस्पताल पंजीकरण सेल के नोडल प्रभारी डॉक्टर आर. के. अग्निहोत्री ने बताया कि छापामारी के दौरान अस्पताल में कोई स्टाफ नहीं मिला। सिर्फ एक-दो कर्मचारी इधर-उधर मिले, जिनसे पूछताछ की गई। पूछताछ में वे सही जवाब नहीं दे पाए। टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया तो सिर्फ चार महिलाएं भर्ती थीं। बताया गया कि इन सभी महिलाओं के ऑपरेशन किए गए थे। अस्पताल में कुल 15 बेड पड़े हुए थे।
बिना पंजीकरण के चल रहा था अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में रखे कागजातों की जांच की तो पंजीकरण नहीं मिला। वहीं टीम ने विभागीय रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि राहुल शर्मा नाम के शख्स ने रॉयल हॉस्पिटल नाम से लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन किया है। लेकिन अभी तक अस्पताल का लाइसेंस नहीं बना। इसके अलावा टीम ने अस्पताल से मरीजों के कागजात समेत अन्य कागजात भी जब्त किए हैं। वहीं अस्पताल में कोई जिम्मेदार शख्स नहीं मिला तो अस्पताल पर नोटिस चस्पा किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बोले...
गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) सेल के नोडल प्रभारी डॉ. वीरेंद्र भारती का कहना है कि भ्रूण का वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली थी। वीडियो वायरल होने के बाद ही छापेमारी की कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल की जांच की तो यहां पर भ्रूण नहीं मिला। वहीं ऑपरेशन थिएटर में भी कोई उपकरण नहीं मिला। डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि यह भी हो सकता है कि वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल संचालक ने साक्ष्य मिटा दिए हों। अस्पताल पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है। अगर अस्पताल संचालक उपस्थित नहीं हुआ तो मामला दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।