- कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा
- चंबल नदी का जलस्तर 123 मीटर पर पहुंचा, प्रशासन ने गांवों में कराई मुनादी
- 38 गांवों के लिए ज्यादा खतरा, ग्रामीणों को अलर्ट रहने के लिए कहा
Agra Chambal River: ताजनगरी आगरा स्थित चंबल नदी में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लग गया है। कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी आगरा में चंबल नदी तक पहुंच गया है। नदी किनारे स्थित तटवर्ती गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वाटर लेवल बढ़ने पर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है। आसपास के सभी गांव में हाई अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही कर्मचारियों से मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। बुधवार शाम तक चंबल नदी का जलस्तर 123 मीटर पर पहुंच गया था।
आपको बता दें कि मंगलवार को कोटा बैराज से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी शुरू हो गई। आज और कल चंबल के तटीय 38 गांवों के लिए खतरा है।
गांव वालों को पशुओं समेत ऊंचे टीले पर जाने की हिदायत
चंबल नदी का जलस्तर 128.5 मीटर पर पहुंच सकता है। चंबल डाल नहर परियोजना के पंप हाउस नंबर एक पर दीवार बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही मुनादी कराकर गांव वालों को पशुओं समेत ऊंचे टीले पर जाने की हिदायत दी गई है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर निगरानी के लिए गांवों में राजस्व टीम तैनात की गई है। आठ बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं। चंबल नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा डाल लिया है।
ग्रामीणों को चंबल नदी के पास न जाने का अलर्ट जारी
अधिकारी जलस्तर पर लगातार अपडेट ले रहे हैं। अधिकारी धौलपुर और कोटा बैराज से लगातार संपर्क कर रहे हैं। उधर, चंबल नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने पिनाहट, क्योरी, रेहा, उमरैठा पुरा, बरेंडा, बासोनी, कछियारा, पुराडाल, करकौली सहित 38 तटवर्ती गांव में ग्रामीणों को चंबल नदी के पास नहीं जाने का हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, पिनाहट घाट पर स्टीमर का संचालन भी रोक दिया गया है। नदी का जलस्तर 123 मीटर पहुंचने के साथ ही ड़गोरा, रेहा, मऊ की मढ़ैया, गोहरा के कच्चे रास्ते पर पानी भर गया है। कछार की फसलें डूबने लगीं है। बीहड़ के खादर भी जलमग्न हो गए हैं।