नई दिल्ली : महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने मंगलवार को कहा कि उसने कुछ राज्यों में आलू बोने के लिए एक नया उपकरण पेश किया है। एम एंड एम ने एक बयान में कहा कि कंपनी के कृषि उपकरण केन्द्र (एफईएस) ने देश में नए आलू बोने की मशीनरी पेश की है। इसमें कहा गया है कि प्लांटिंगमास्टर पोटैटो + नामक इस मशीनरी, को कंपनी के यूरोप स्थित साझेदार डेवुल्फ के साथ मिलकर तैयार किया गया है, जो भारतीय खेती की स्थितियों के अनुकूल है और उच्च पैदावार और उन्नत गुणवत्ता प्रदान करने में मदद करता है। महिंद्रा और डेवुल्फ ने पिछले साल पंजाब में प्रगतिशील किसानों के साथ नई सटीक आलू बोने की तकनीक की शुरुआत की थी। इन किसानों ने इस प्रणाली का उपयोग शुरू करने के बाद पारंपरिक तरीकों से पैदावार में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
एम एंड एम एफईएस के अध्यक्ष हेमंत सिक्का ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक राष्ट्र के रूप में, उन्नत कृषि यंत्रों से पैदावार बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उन्नत कृषि मशीनरी की आवश्यकता है। 'प्लांटिंगमास्टर आलू प्लस' के साथ, हम इस तकनीक को भारतीय किसानों के लिए, आलू की खेती में उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपकरण कुछ बाजारों में किराये के आधार पर भी उपलब्ध है, और खरीद के लिए आसान वित्तपोषण की सुविधा है, जिससे यह नई तकनीक भारतीय किसानों के लिए सुलभ हो गई है।
एम एंड एम ने कहा कि भारत दुनिया में आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, लेकिन देश पैदावार में पीछे है। भारत में प्रति एकड़ ऊपज 8.5 टन की है जबकि नीदरलैंड में ऊपज 17 टन प्रति एकड़ है। इसमें कहा गया है कि फसल की पैदावार को तय करने में कई बातों की भूमिका है और उपयुक्त कृषि मशीनरी का उपयोग सर्वाधिक महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।
कंपनी ने बताया कि नया प्लांटिंगमास्टर आलू + पंजाब में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, यह बिक्री और किराए पर उ.प्र.में तथा महिंद्रा के किराये उद्यमी नेटवर्क के माध्यम से गुजरात में किराए के लिए उपलब्ध होगा।