- क्रैश टेस्ट में एस-प्रेसो टांय टांय फिस्स
- सुरक्षा के लिए मिली सिर्फ 3-स्टार रेटिंग
- अफ्रीकी मार्केट में भारत से होती है निर्यात
Maruti Suzuki S-Presso Crash Tested: भारत में बनी कारों को लेकर अब ग्राहकों के साथ-साथ सरकार भी सख्त हो चुकी है और सेफर कार्स फॉर इंडिया प्रोग्राम के तहत ग्लोबल एनकैप आए दिन मेड-इन-इंडिया कारों का क्रैश टेस्ट करती रहती है. हाल ही में किआ की कारेंस एमपीवी ने ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में सिर्फ 3-स्टार रेटिंग हासिल की है और अब भारत में बनी मारुति सुजुकी एस-प्रेसो को भी सेफ्टी के लिए यही रेटिंग दी गई है. कंपनी अफ्रीकी बाजारों के लिए इस कार को भारत से निर्यात करती है और ग्लोबल एनकैप ने यहीं के मॉडल का टेस्ट करके देखा है.
बच्चों के लिए 2 और वयस्कों के लिए 3-स्टार
इस कार को क्रैश टेस्ट में वयस्कों की सुरक्षा के लिए 3 सितारे और बच्चों की सेफ्टी के लिए 2-स्टार रेटिंग दी गई है. ग्लोबल एनकैप ने नवंबर 2020 में भी मेड-इन-इंडिया मारुति सुजुकी एस-प्रेसो का क्रैश टेस्ट करके देखा था, लेकिन ये कार भारतीय मार्केट में बिकने वाली थी. तब इस कार को सुरक्षा के लिए शून्य यानी जीरो स्टार रेटिंग दी गई थी. हालांकि उस समय भारत में सिर्फ ड्राइवर साइड एयरबैग ही अनिवार्य था जो अब अगले दोनों यात्रियों के लिए अनिवार्य किया जा चुका है.
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क्या भारत में बंद हो जाएंगी सस्ती मारुति कारें?
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रेस वार्ता में कुछ कंपनियों द्वारा सुरक्षा के दो अलग पैमानों पर नाराजगी जाहिर की थी, इसके अलावा सरकार सभी कारों के साथ 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने की तैयारी में है, इस नियम पर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बड़ा बयान दिया है. आरसी भार्गव ने कहा कि 6 एयरबैग्स लगाने पर सस्ती कारों की लागत काफी बढ़ जाएगी और आम लोगों के लिए ये किफायती नहीं रह जाएंगी. ऐसे में कंपनी ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसी कारों का प्रोडक्शन बंद करने में जरा भी कोताही नहीं बरतेगी.