- EV को प्रोत्साहन के लिए बेहतर तकनीक जरूरी
- नीति आयोग ने कहा इससे EV को बढ़ावा मिलेगा
- बड़ी संख्या में चार्जिंग पॉइंट लगाने से भरोसा मिलेगा
Niti Aayog On Electric Vehicles: भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से कई जोरदार सुझाव देते आ रहा है। अब इस संस्था ने एक और सुझाव इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दिया है जिससे तेजी से इन्हें अपनाया जा सके। नीति आयोग ने कहा है कि देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बढ़ावा देने के लिये प्रौद्योगिकी में सुधार तथा अन्य प्रोत्साहन जरूरी हैं। यह सुझाव नीति आयोग की ‘भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की पैठ का पूर्वानुमान: एक विस्तृत विश्लेषण’ शीर्षक से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में दिया गया है।
EVs को लेकर ग्राहकों के बीच सकारात्मक रुख
इसमें कहा गया है कि बेहतर प्रौद्योगिकी और अन्य हस्तक्षेप के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के पर्याप्त अवसर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर ग्राहकों के बीच सकारात्मक रुख है। हाल में पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि ने ग्राहकों को इसकी ओर आकर्षित किया है। लोगों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
महत्वपूर्ण मुद्दा वाहन की विनिर्माण लागत
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग प्रोत्साहन से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ बढ़ती है। लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दा वाहन की विनिर्माण लागत है और इसका कारण बैटरी की ऊंची कीमत है। इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम होने के साथ अन्य नीतिगत उपाय घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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बड़ी संख्या में ‘चार्जिंग पॉइंट’लगाने की जरूरत
शुरुआती चरणों में ग्राहकों में भरोसा बढ़ाने को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बड़ी संख्या में ‘चार्जिंग पॉइंट’लगाने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये नीति और बुनियादी ढांचा संबंधित मुद्दों के अलावा प्रौद्योगिकी की बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रौद्योगिकी बैटरी और अन्य कलपुर्जों की लागत में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।