नई दिल्ली : दिसंबर-जनवरी की अवधि में यात्री वाहनों की बिक्री में वृद्धि देखी गई, लेकिन सोमवार की घोषणा के बाद अब यात्री वाहन खरीदने वालों को जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ सकती है। सरकार ने दरअसल कुछ ऑटो पार्ट्स में 10 से लेकर 15 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है, जिससे यात्री वाहन की कीमत में बढ़ोतरी की संभावना है। ड्यूटी में 5 प्रतिशत की वृद्धि सुरक्षा ग्लास पर लागू होती है, जिसमें कड़ा (टेम्पर्ड) या लैमिनेटेड ग्लास, इलेक्ट्रिकल लाइटिंग और सिग्नलिंग उपकरण, विंडस्क्रीन वाइपर, डिफॉस्टर और डिमिस्टर (साइकिल या मोटर के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रकार) शामिल हैं।
अन्य ऑटोमोबाइल पार्ट्स में 5 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी की जाएगी, जिनमें इग्निशन वायरिंग सेट और वाहनों, विमानों या जहाजों में इस्तेमाल किए जाने वाले एक प्रकार के अन्य वायरिंग सेट, वाहन, विमान, अंतरिक्ष यान या जहाजों के लिए एक समान प्रकार की घड़ी शामिल हैं।
भारत के ऑटो कंपोनेंट मैनुफैक्चरर का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष निकाय ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (एसीएमए) ने कहा कि चुनिंदा ऑटो कंपोनेंट्स पर बुनियादी सीमा शुल्क में वृद्धि से ऐसी वस्तुओं के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
एसीएमए के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा कि यह भी खुशी की बात है कि एमएसएमई सेक्टर के लिए बजट परिव्यय पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना हो गया है। ऑटो कंपोनेंट उद्योग में एमएसएमई का दबदबा है और यह उद्योग के रिकवरी के लिए उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।"
ओकिनावा ऑटोटेक के संस्थापक और एमडी, जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि ऑटोमोबाइल पार्ट्स पर सीमा शुल्क में वृद्धि से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।