- लोगों को डराकर वसूली करने वाले खाकी वर्दी धारियों की अब खैर नहीं
- इंदौर जनपद के पुलिस प्रमुख ने नए आदेश जारी किए
- बिना एसएचओ की अनुमति थाने में पूछताछ के बहाने से नही बुला सकेंगे
Bhopal News: थानों में लोगों को डराकर वसूली करने वाले खाकी वर्दी धारियों की अब खैर नहीं है। मध्यप्रदेश के इंदौर जनपद के पुलिस प्रमुख ने नए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने अपने आदेशों में इसके लिए थाने के एसएचओ की जिम्मेदारी भी तय की है। कमिश्रर के आदेशों के मुताबिक अगर आरोपी पुलिस कर्मी वसूली करते पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं संबंधित थाने के एसएचओ पर भी विभागीय कार्यवाही की जाएगी। पुलिस के आला अधिकारी इसके पीछे की वजह थानों में आए दिन वसूली के मामलों की लगातार मिल रही शिकायतों को बता रहे हैं। नए आदेश जनपद से जुड़े सभी पुलिस स्टेशनों पर लागू किए गए हैं।
जिसमें हर पुलिसकर्मी को शिकायत मिलने के बाद उस थाने के एसएचओ को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा एसएचओ की अनुमति व जानकारी के बाद ही जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत मिली है उसे बुला सकेंगे। वहीं हर व्यक्ति की थाने के रजिस्टर में आवक दर्ज करनी होगी। इसका पूरा रिकॉर्ड बनाना होगा। रोजनामचे में दर्ज किए गए रिकॉर्ड की जांच का जिम्मा इलाके के अतिरिक्त डीसीपी व एसीपी करेंगे। कुल मिलाकर कोई भी पुलिस वाला सीधे तौर पर हड़काकर किसी को भी थाने बुला वसूली नहीं कर सकेगा। पुलिस आयुक्त के आदेशों के बाद खाकी महकमे में हड़कंप मचा गया। आला अधिकारियों के नकेल कसने के फरमान के बाद विभाग में चर्चाओं को बाजार गरम है।
इसलिए नए नियम के आदेश जारी करने पड़े
पुलिस कमिश्रर हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक सभी थाना प्रभारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे अपने थाने के स्टाफ को नए नियमों के आदेशों की जानकारी दे दें। बिना एसएचओ की जानकारी के किसी भी अनावेदक को थाने में पूछताछ के बहाने से नही बुला सकेंगे। पुलिस कमिश्रर के मुताबिक इस तरह की शिकायतें रोज मिल रही हैं। सबसे अधिक शिकायतें अपराध शाखा की मिल रही हैं। इसलिए नए नियमों को फॉलो करवाने का जिम्मा अपराध शाखा के आला अधिकारियों को दिया है। महकमे के सूत्रों के मुताबिक गत 27 जुलाई को एमजीआई थाने के दो कांस्टेबलों को धोखाधड़ी के मामले में आरोपी पर दबाव बना 40 हजार की घूस लेने के बाद सस्पेंड कर दिया था। इसी प्रकार अवैध हथियार के मामले की जांच के नाम पर घूस लेने के अपराध में शाखा के एक कांस्टेबल को लोकायुक्त दबोचने की तैयारी में था। मगर वह ट्रेप की कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद मौके से फरार हो गया था।