- भोपाल के अस्पताल में आग लगने से चार बच्चों की मौत
- 36 घंटे बाद 8 और बच्चों की मौत हुई
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा आडिट के आदेश दिए
Kamla Nehru Hospital fire: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में सोमवार रात को आग लगने से 4 बच्चों की मौत हो गई थी। लेकिन अब जानकारी आई है कि 36 घंटे बाद 8 और बच्चों की मौत हुई है। बाल रोग विभाग की HOD डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव ने बताया कि उस समय 40 बच्चों को भर्ती कराया गया था और अस्पताल के कर्मचारियों ने तुरंत उन सभी को बाहर निकाला। उस दिन 4 बच्चों की मौत हुई थी और 36 घंटे बाद 8 और बच्चों की मौत हुई।
वहीं सरकार ने कार्रवाई करते हुए गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र शुक्ला, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेंद्र दवे और कमला नेहरू अस्पताल के निदेशक डॉ. केके दुबे को उनके पदों से हटा दिया गया है। सीपीए (इलेक्ट्रिसिटी विंग) के सब इंजीनियर अवधेश भदौरिया को निलंबित किया गया है।
मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज सभी जिला कलेक्टरों को राज्य के निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में अगले 10 दिनों के भीतर अग्नि और बिजली सुरक्षा ऑडिट की समीक्षा करने और लागू करने का निर्देश दिया है। सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपनी सिविल विंग होगी जो सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के रखरखाव का काम करेगी। कमला नेहरू अस्पताल के रखरखाव का काम पहले सीपीए के पास था लेकिन अब अस्थायी रूप से पीडब्ल्यूडी को दिया गया है।
कमला नेहरू चिल्ड्रन हॉस्पिटल हमीदिया अस्पताल का हिस्सा है और गांधी मेडिकल कॉलेज के परिसर में स्थित है। फिलहाल आग के लिए शार्ट सर्किट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। एनसीपीसीआर ने अपने नोटिस में मुख्य सचिव को तीन दिन के भीतर प्रारंभिक कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है। पैनल ने मृत शिशुओं के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के बच्चों के वार्ड में आग लगने की घटना दुखद है। बचाव अभियान तेज था। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच एसीएस पब्लिक हेल्थ एंड मेडिकल एजुकेशन मोहम्मद सुलेमान करेंगे।