- रेप का केस दर्ज होने के बाद से फरार है कांग्रेस विधायक का बेटा करण मोरवाल
- कांग्रेस की पदाधिकारी है करण मोरवाल पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती
- नरोत्तम मिश्र ने कहा कि यदि करण ने सरेंडर नहीं किया तो होगी सख्त कार्रवाई
भोपाल : रेप केस में फरार चल रहे उज्जैन के वडनगर सीट से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवला की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने करण को सरेंडर करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है। गृह मंत्री ने 'टाइम्स नाउ नवभारत' से खास बातचीत में कहा कि करण मोरवाल को पेश होने के लिए 24 से 48 घंटे मे पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने इस बारे में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मिश्र ने कहा कि करण यदि 48 घंटे में पेश नहीं हुए तो सरकार ऐसी कार्रवाई करेगी जो कि नजीर बनेगी।
इनाम बढ़ाकर 25 हजार रु. किया
गृह मंत्री ने करण के सिर पर रखे इनाम को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया है। करण यदि सरेंडर नहीं करता है तो प्रशासन उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई करेगा। मिश्र ने कांग्रेस विधायक को अपने बेटे को पेश करने का संदेश दिया। इस मामले में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मिश्र ने कहा कि 'कांग्रेस के लोग महिला नेताओं को टंच और आइटम बुलाते हैं। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के कहने पर वकील विवेक तन्खा आरोपी की पैरवी करते हैं।'
कांग्रेस की पदाधिकारी है आरोप लगाने वाली युवती
बता दें कि कांग्रेस विधायक के बेटे पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती पार्टी की ही एक पदाधिकारी है। युवती का आरोप है कि करण मोरवाल ने उसका यौन उत्पीड़न किया है। युवती की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद से ही करण फरार चल रहा है। उसकी फरारी के छह महीने हो गए हैं लेकिन पुलिस अभी भी उसे पकड़ नहीं पाई है। 'टाइम्स नाउ नवभारत' के खास बातचीत में युवती ने कहा कि इस मामले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को देखना चाहिए। पीड़ित लड़की ने कहा कि उसे राहुल से न्याय मिलने की उम्मीद है।
कांग्रेस का दोहरा मानदंड
कांग्रेस महिलाओं के लिए न्याय लड़ने की बात करती है। उसका दावा है कि उसने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाए हैं। मंगलवार को लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी अपना 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देगी। इस मौके पर चैनल ने जब उनसे एमपी रेप केस मामले में सवाल करना चाहा तो रिपोर्टर को रोक दिया गया। प्रियंका ने चैनल के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने चुप्पी साध ली। बाद में रिपोर्टर ने जब उनसे मिलकर सवाल करने की कोशिश की तो कांग्रेस समर्थकों ने उन्हें रोक लिया। जाहिर है कि कांग्रेस अपने राजनीतिक फायदे के हिसाब से महिलाओं के मुद्दों को उठाती है।