- शिवराज सरकार का बड़ा ऐलान, प्रदेश की सरकारी नौकरियों में प्रदेश के बच्चों का हक
- विपक्ष ने इसे बताया चुनावी स्टंट, लोगों की भलाई से कोई मतलब नहीं
- शिवराज सरकार ने आदिवासियों को साहूकारों के चंगुल से निकालने के लिए पहले ही कर चुकी है बड़ा ऐलान
भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक संदेश में कहा कि मेरे प्रिय प्रदेशवासियों मध्य प्रदेश के बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में शासकीय नौकरिया अब सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों को ही दी जाएंगी और इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान किया जा रहा है. प्रदेश के संसाधनों पर प्रदेश के बच्चों का अधिकार है। मध्य प्रदेश सरकार की सभी नौकरियां अब एमपी डोमिसाइल रखने वालों के लिए आरक्षित होंगी. यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक कानूनी बदलाव जल्द ही पेश किए जाएंगे।
विपक्ष ने बताया सियासी स्टंट
विपक्ष का कहना है कि 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है और चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान लोकलुभावन ऐलान कर रहे हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि आदिवासियों को साहुकारों के चुंगल के बचाने के लिए नए कानून पर काम किया जा रहा है। इस कानून के तहत 15 अगस्त 2020 तक 89 अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को गैर मान्यताप्राप्त साहूकार से लिया कर्ज नहीं चुकाना होगा। साहूकार कर्ज अदायगी के लिए दबाव भी नहीं बना सकेंगे। इसके साथ कर्ज के बदले में कोई वस्तु या दस्तावेज गिरवी रखे गए हैं तो उन्हें भी वापस लौटाना होगा।
कमलनाथ सरकार ने 70 फीसद रोजगार स्थानीय लोगों के लिए किया था रिजर्व
अगर बात कमलनाथ सरकार की करें तो कांग्रेस सरकार ने उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना अनिवार्य कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने व्यवस्था की थी कि सरकारी योजनाओं या टैक्स में छूट का फायदा उद्योगपति तभी उठा पाएंगे जब वो 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को देंगे। तत्कालीन सरकार के इस फैसले को जमीनी स्तर पर बहुत सराहा गया था।