- 12 दिन में कांग्रेस के तीन विधायक बीजेपी में हुए शामिल
- कांग्रेस की नीतियों पर उठाया सवाल
- मध्य प्रदेश कांग्रेस में भगदड़, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अच्छे लोग कांग्रेस का हिस्सा लंबे समय तक नहीं हो सकते।
नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार बचाने में जुटी हुई है तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक पाला बदल रहे हैं। गुरुवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस के नारायण पटेल बीजेपी में शामिल हुए। इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न लोधी और सावित्री देवी कासडेकर ने भी इस्तीफा दिया और बीजेपी का हिस्सा बन गईं। खास बात यह है कि जिस समय सावित्री देवी का इस्तीफा हुआ उस समय परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था कि कांग्रेस के विधायकों के टूटने का सिलसिला अभी जारी रहेगा।
12 दिन में तीन विधायकों ने कांग्रेस को कहा बॉय बॉय
10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का हाथ थाम लिया था, इसकी वजह से तत्कालीन कमलनाथ सरकार के सामने विश्वास का संकट उठ खड़ा हुआ। कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान सत्ता पर काबिज हुए। 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और ठीक पांच दिन बाद 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी इस्तीफा दे दिया। मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली थी।
24 विधानसभा सीटों पर हो रहा है चुनाव
कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वालों की संख्या अब 25 हो गई है। इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। अगर बात बीजेपी की करें तो 230 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 107 विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है। और जिन 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, उनमें से दो सीट विधायकों के निधन की वजह से खाली है, जबकि 22 अन्य ने खुद ही अपनी सदस्यता छोड़ दी है।
उपचुनाव का नतीजा बीजेपी और कांग्रेस के लिए अहम
24 विधानसभा सीटों पर चुनाव का नतीजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम है। इस समय विधानसभा में कुल विधायकों 203 है। मैजिक फिगर 102 का आता है और इस लिहाज से बीजेपी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है। लेकिन 24 सीटों पर चुनाव के बाद सदस्य संख्या 227 हो जाएगी। इस लिहाज से मैजिक फिगर 114 होगी। इसका अर्थ यह है कि अगर बीजेपी सभी सीटें जीत जाती है तो पार्टी के पास कुल संख्या 131 होगी और सरकार के लिए किसी तरह का खतरा नहीं रह जाएगा।
कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा परोक्ष तौर पर बीजेपी को फायदा
जानकारों का कहना है कि अगर चुनावी नतीजे बीजेपी के हिसाब से नहीं आते हैं 60 और 40 का अनुपात रहता है तो एक बार फिर मध्य प्रदेश सियासी घमासान का केंद्र बनेगा। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के तीन और विधायकों से इस्तीफा दिया है उसकी वजह से सदन की संख्या में कमी आ गई है और उसका असर मैजिक फिगर पर होगी। अगर कांग्रेस से इस तरह से कुछ और विधायक अलग हुए तो निश्चित तौर पर बीजेपी को ही फायदा मिलेगा।