- एमपी कंटेनमेंट जोन्स में 30 जून तक लागू रहेगा लॉकडाउन
- इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में होगी आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत
- आठ जून से राज्य में खुलेंगे धार्मिक स्थल, सार्वजनिक सभाओं पर लगा रहेगा प्रतिबंध
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि जिलों में अधिक प्रभावित मोहल्ला/कॉलोनी इत्यादि क्षेत्र निषिद्ध क्षेत्र होंगे और वहां 30 जून तक लॉकडाउन यथावत लागू रहेगा एवं केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी जबकि शेष क्षेत्र सामान्य क्षेत्र होगा।
मध्यप्रदेश की जनता के नाम रविवार रात(31 मई) दिए संदेश में चौहान ने कहा कि राज्य के अंदर और उसके बाहर आने-जाने वाले वाहनों के लिए किसी प्रकार के पास की आवश्कता नहीं होगी, इसलिए पास चेकिंग की व्यवस्था समाप्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में अंतरराज्यीय बसों का संचालन सात जून तक बंद रहेगा, तत्पश्चात इस पर निर्णय लिया जाएगा।
फैक्ट्री संचालन और मजदूरों के परिवहन के लिए होगा बसों का संचालन
चौहान ने कहा कि इंदौर, उज्जैन तथा भोपाल संभाग सहित पूरे प्रदेश में फैक्टरी के संचालन में और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवहन हेतु बसें संचालित करने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर सार्वजनिक परिवहन की बसें इंदौर, उज्जैन व भोपाल को छोड़कर अन्य सभी संभागों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद रहेंगीं,परंतु 12वीं की परीक्षाओं हेतु विद्यालय खोले जाएंगे तथा स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान आदि को खोलने का निर्णय सभी लोगों के साथ परामर्श कर जुलाई में लिया जाएगा।
आठ जून से खुलेंगे धार्मिक स्थल
चौहान ने बताया कि रात्रिकालीन कर्फ्यू का समय अब रात्रि नौ बजे से सुबह पांच बजे तक होगा और इस दौरान अत्यावश्यक गतिविधियों को छोड़कर लोगों का आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र के बाहर आठ जून से धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थान, पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां, अन्य आतिथ्य सेवाएं तथा शॉपिंग मॉल प्रारंभ होंगे।
चौहान ने बताया कि राज्य में सिनेमा हॉल, व्यायामशाला, जिम, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, सभा कक्ष, मैरिज गार्डन आदि सामाजिक/राजनीतिक/खेल/ मनोरंजन/शैक्षणिक/सांस्कृतिक/धार्मिक कार्य और अन्य बड़ी सभाएं आदि गतिविधियां पूर्णत: बंद रहेंगी। इन्हें चालू करने का निर्णय बाद में लिया जाएगा।
इंदौर मालवा क्षेत्र में दुकानों के खुलने पर प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि इंदौर, उज्जैन, नीमच और बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्रों के बाजारों की एक चौथाई दुकानें बारी-बारी से खुलेंगीं जबकि भोपाल के बाजारों की एक तिहाई दुकानें बारी-बारी से खुलेंगीं। मुख्यमंत्री के अनुसार देवास, खंडवा नगर निगम तथा धार एवं नीमच नगर पालिका क्षेत्र की आधी-आधी दुकानें बारी-बारी से खुलेंगीं, परंतु छिटपुट दुकानें एवं मोहल्ले की दुकानें इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगीं। इनके अलावा शेष प्रदेश में दुकानों के खुलने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलेंगे सरकारी कार्यालय
चौहान ने बताया कि सभी सरकारी और निजी कार्यालय इंदौर, उज्जैन और भोपाल नगर निगम क्षेत्र में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ और शेष प्रदेश में पूरी क्षमता से खोले जाएंगे। उन्हें स्क्रीनिंग और स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। थर्मल स्केनिंग, हैंड वाश और सैनिटाइजर का प्रावधान सभी प्रवेश और निकास द्वारों और सामान्य क्षेत्रों में किया जाएगा। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों के प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि श्रमिकों के बीच पर्याप्त दूरी हो, पालियों (शिफ्टों) के बीच पर्याप्त अंतराल हो एवं कर्मचारियों के भोजन के अवकाश का समय अलग-अलग हो।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड—19 से सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थानों पर, कार्यस्थलों में और परिवहन के दौरान, मास्क पहनना अनिवार्य होगा तथा सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को आपस में कम से कम 6 फीट (2 गज) की दूरी बनाएं रखनी चाहिए। सभी दुकानें, ग्राहकों के बीच शारीरिक दूरी सुनिश्चित करेंगी और एक समय में 5 से अधिक व्यक्तियों को दुकान मे प्रवेश की अनुमति नहीं देंगी।
सार्वजनिक सभाएं प्रतिबंधित, विवाह में इतने लोग हो सकते हैं शामिल
चौहान ने कहा कि बड़ी सार्वजनिक सभाएं प्रतिबंधित रहेंगी। विवाह संबंधी समारोह में मेहमानों की संख्या 50 से अधिक नहीं होनी चाहिए। अंतिम संस्कार संबंधित कार्यक्रम में व्यक्तियों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना दंडनीय होगा। सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान, गुटका, तंबाकू आदि का सेवन वर्जित है।
उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक एवं स्वास्थ्य कारण को छोड़कर, घर पर रहना होगा।