- इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में होगी खरीद
- 10 मई तक की जाएगी अधिप्राप्ति
- भोपाल एवं चंबल संभाग के जिलों में 4 अप्रैल से 16 मई तक होगी खरीद
Bhopal Wheat Market Rate: गेहूँ उपार्जन के लिये 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया, जो विगत वर्ष का 80 प्रतिशत है। इसमें कुल रकबा 42.24 लाख हेक्टेयर है, जो विगत वर्ष से 84 प्रतिशत अधिक है।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की उपज का एक एक दाना खरीदेगी। इसके लिए शासन द्वारा पंजीयन से लेकर भुगतान तक की पारदर्शी व्यवस्था की गई है। इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष से 40 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। प्रदेश सरकार 28 मार्च से गेहूँ उपार्जन प्रारंभ करने जा रही है।
उपार्जित गेहूँ के भण्डारण के लिये 84 लाख मीट्रिक टन के लिये स्थान रिक्त है। आगामी माह में पीडीएस एवं अन्य माध्यम से स्कंध के उठाव से 34 लाख मीट्रिक टन क्षमता रिक्त होगी तथा 58 लाख मीट्रिक टन के नवीन गोदाम निजी क्षेत्र में बनाये जा रहे हैं। साथ ही 4 लाख मीट्रिक टन के सायलो भी बनाये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 180 लाख मीट्रिक टन क्षमता भण्डार के लिये उपलब्ध है।
4663 केंद्रों पर की जाएगी खरीद
बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि MSP पर गेहूँ उपार्जन के लिये विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी 4663 उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की जायेगी। इसके अतिरिक्त सायलो मालिकों द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्र पर अलग से खरीदी होगी, जो 4663 केन्द्रों के अतिरिक्त होंगे। वास्तविक कृषकों (MP Farmers) का ही पंजीयन हो सके, इसके लिये शासन द्वारा पंजीयन करने के लिये आधार नम्बर आधारित बायोमेट्रिेक/OTP सत्यापन के आधार पर पंजीयन की व्यवस्था की गई थी। इसमें कुल पंजीयन का 41 प्रतिशत बायोमेट्रिक सत्यापन के द्वारा पंजीयन किया गया। इसके तहत ऐसे शारीरिक रूप से अक्षम एवं वृद्ध कृषक, जिनके पास आधार नम्बर नहीं था, उन्हें नॉमिनी के माध्यम से पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इस सुविधा का लाभ 28 हजार 298 कृषकों द्वारा लिया गया।
आधार लिंक खाते में होगा भुगतान
मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि कृषकों को उसकी उपज का भुगतान उनके आधार लिंक खाते में करने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना को समाप्त किया जा सके।इसके लिए किसान को बैंक शाखा में जाकर खाते को आधार से लिंक कराना होगा। किसान द्वारा एफक्यू मापदण्ड का गेहूँ विक्रय के लिये लाया जाता है, तो उसकी साफ-सफाई की आवश्यकता नहीं होगी। परंतु परीक्षण में गेहूँ नॉन एफक्यू पाया जायेगा, तो उन्हें अपना गेहूँ साफ कराना होगा। विभाग द्वारा उपार्जन केन्द्र पर गेहूँ की सफाई की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।