- टोल चार्ज कलेक्शन के लिए 1 जनवरी 2021 से FASTag अनिवार्य किया गया था
- अभी भी कई लोग नेशनल हाईवे पर टोल भुगतान के लिए कैश का उपयोग कर रहे हैं
- FASTAg से ऑटोमेटिक टोल चार्ज जमा हो जाता है, टोल प्लाजा पर रूकने की जरुरत नहीं होती है
नई दिल्ली: सड़क परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क पर FASTag जरिये 100% टोल चार्ज कलेक्शन की समय सीमा 15 फरवरी तक बढ़ा दी है। इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने घोषणा की थी 1 जनवरी 2021 से सिर्फ FASTag के जरिये ही टोल चार्ज कलेक्शन किया जाएगा। FASTag 1 दिसंबर, 2017 से पहले बेचे गए M और N कैटेगरी के चार पहिया वाहनों के लिए अनिवार्य हो गया है। इसके लिए, केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन किया गया था। मंत्रालय ने 6 नवंबर को इस बारे में एक अधिसूचना जारी की थी। एक्सटेंशन इसलिए दिया गया क्योंकि अभी भी कई लोग नेशनल हाईवे पर टोल भुगतान के लिए कैश का उपयोग करते हैं। वर्तमान में, टोल प्लाजा पर फास्टैग भुगतान का हिस्सा 75-78% के बीच उतार-चढ़ाव हो रहा है।
टोल प्लाजा पर कैश पेमेंट को हतोत्साहित करने के लिए, प्रत्येक साइड एक को छोड़कर सभी लेन को FASTag लेनदेन के लिए समर्पित किया गया है और इसे 'FASTag Lanes' नाम दिया गया है। यदि कोई भी वाहन FASTag के बिना लेन में पाया जाता है, तो मालिक सामान्य टोल शुल्क की दोगुनी राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। सरकार का इरादा नेशनल हाईवे पर कैश लेन-देन खत्म करना है और उसने 1 जनवरी 2021 से सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया था।
अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन मेथड, FASTAg एक RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग है जो आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपका होता है। यह टैग, जो रिचार्जेबल है, किसी प्रीपेड खाते/ई-वॉलेट से जुड़ा हुआ होता है, जिससे टोल बूथों पर ऑटोमेटिक रूप से शुल्क काटा जाता है। इससे पेमेंट करने के लिए टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे यातायात को गति मिलती है।