- सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने चेक बाउंस मामले पर बड़ा फैसला लिया है।
- पीठ ने हाईकोर्ट को 21 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करके अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
- मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
नई दिल्ली। देश में आए दिन कोई न कोई चेक बाउंस होने का मामला सामने आता है। इसको लेकर नियम पहले से ही काफी सख्त हैं। लेकिन तब भी देश में 33 लाख से से भी ज्यादा चेक बाउंस (Cheque bounce) के मामले लंबित पड़े हैं। लेकिन अब अगर आपका या आपके किसी रिश्तेदार या दोस्त का चेक बाउंस होता है तो खैर नहीं। बाउंस के मामलों के तुरंत निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला लिया है।
जल्द बनेंगे स्पेशल कोर्ट्स
उच्चतम न्यायालय ने एक पायलट अध्ययन को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत क बाउंस के मामलों को जल्दी निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट्स बनेंगे। रिटायर्ड न्यायिक अधिकारियों की अध्यक्षता में ये विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी। इस संदर्भ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और एस रवींद्र भट ने कहा कि, 'पायलट अध्ययन एक साल के लिए होगा। यह 1 सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक की अवधि के लिए आयोजित किया जाएगा।
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कहां और कितनी बनेंगी अदालतें?
न्यायालय ने 25 विशेष अदालतें बनाने का निर्णय लिया है। ये महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में स्थापित होंगी। इनकी शुरुआत इन सभी राज्यों के पांच- पांच जिलों से होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां चेक बाउंस के मामले सबसे ज्यादा लंबित हैं। ऐसी अदालतों को NI अधिनियम के मामलों की उच्चतम पेंडेंसी के साथ राज्यों के पांच हाई कोर्ट में से प्रत्येक द्वारा उच्चतम पेंडेंसी के रूप में पहचाना गया है।
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उल्लेखनीय है कि पीठ ने कहा है कि स्पेशल कोर्ट सिर्फ उन्हीं मामलों पर फैसला सुनाएंगी, जिनमें ड्यूली सर्व्ड समन किया गया है और आरोपी वकील व्यक्तिगत रूप से पेश हुए हैं।