- देश में सितंबर तक 5जी सर्विस शुरू होने की उम्मीद है।
- यूनियन कैबिनेट ने 15 जून को नीलामी के लिए मंजूरी दी थी।
- नॉन-टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को भी बोली लगाने की अनुमति दी गई थी।
नई दिल्ली। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) आज खत्म हो गई है। यह नीलामी सात दिनों तक चली, जिसमें चार कंपनियों ने भाग लिया था- रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी ग्रुप की अडानी डाटा नेटवर्क लिमिटेड। इसमें 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 5जी टेलिकॉम स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड बिक्री हुई। नीलामी में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी जियो (Jio) ने सबसे अधिक बोली लगाई।
4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है रकम
सूत्रों के अनुसार, अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गईं। अत्यधिक उच्च गति के मोबाइल इंटरनेट संपर्क की पेशकश करने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपये के 4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है। यह राशि 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना है। रिलायंस जियो ने 4जी की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तेज गति से संपर्क की पेशकश करने वाले रेडियो तरंगों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई।
जियो के बाद इन कंपनियों का स्थान
इसके बाद भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea) का स्थान रहा। बताया जाता है कि अडानी समूह (Adani Group) ने निजी दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए 26 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। सूत्रों ने कहा कि किस कंपनी ने कितना स्पेक्ट्रम खरीदा, इसका ब्योरा नीलामी के आंकड़ों के पूरी तरह आने के बाद ही पता चलेगा।
इन बैंड्स में स्पेक्ट्रम के लिए नहीं मिली बोली
सरकार ने 10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी, लेकिन 600 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए कोई बोली नहीं मिली। लगभग दो-तिहाई बोलियां 5जी बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिए थीं, जबकि एक-चौथाई से अधिक मांग 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई। यह बैंड पिछली दो नीलामियों (2016 और 2021) में बिना बिके रह गया था।
पिछले साल इन कंपनियों ने खरीदा था ये स्पेक्ट्रम
पिछले साल हुई नीलामी में रिलायंस जियो ने 57,122.65 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम लिया था। भारती एयरटेल ने लगभग 18,699 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी और वोडाफोन आइडिया ने 1,993.40 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा था। इस साल कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगों को बोली के लिए रखा गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)