- पीएम मोदी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करेंगे
- इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 6 राज्यों के किसानों के साथ बाचतीच भी करेंगे
- कृषि कल्याण की योजनाओं को लेकर किसान अपने अनुभव पीएम मोदी से शेयर करेंगे
नई दिल्ली : दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक महीने से लगातार हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (25 दिसंबर) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की अगली किस्त जारी करेंगे। साथ ही 6 राज्यों के किसानों से बातचीत भी करेंगे। पीएमओ के बयान के मुताबिक एक बटन दबाकर मोदी 09 करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे। बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 6 राज्यों के किसानों के साथ बाचतीच भी करेंगे। पीएमओ के मुताबिक पीएम-किसान और केंद्र सरकार की अन्य कृषि कल्याण की योजनाओं को लेकर किसान अपने अनुभव पीएम मोदी से शेयर करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे शुरू होगा और इसका Live प्रसारण किया जाएगा।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मौके बीजेपी के नेता और देश भर के किसान अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। देश के 19,000 से ज्यादा स्थानों पर ये कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन कार्यक्रमों में देश के 1 करोड़ से ज्यादा किसानों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में 3000 स्थानों में इन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी के मेहरौली और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारका सेक्टर 15 में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
उधर सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए गुरुवार को फिर आमंत्रित किया, लेकिन स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित ऐसी किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना तार्किक नहीं होगा जो नए कृषि कानूनों के दायरे से परे हो। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 40 किसान नेताओं को लिखे तीन पन्नों के पत्र में कहा कि मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सरकार सभी मुद्दों पर खुले मन से और अच्छे इरादे से चर्चा करती रही है तथा ऐसा करती रहेगी। कृपया अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख और समय बताएं। सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले पांच दौर की वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। दिल्ली की सीमाओं पर करीब 1 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने किसानों के हितों की अनदेखी की और अनाज के सस्ते दाम सुनिश्चित कर उन्हें गरीब बनाए रखने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों को उचित दाम उपलब्ध कराने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर उन्हें सशक्त बनाया है। उन्होंने ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को 9 करोड़ किसानों के खाते में 18,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे जिसके साथ ही, किसानों के खाते में अब तक सीधे जमा की गई राशि 1.20 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह महज शुरुआत है। यह 10 साल तक जारी रहेगी और योजना 7 लाख करोड़ रुपए की है। जावड़ेकर ने कहा कि इसके विपरीत कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसने किसानों का केवल 53,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया और यह धन किसानों को नहीं दिया गया, बल्कि उनके कर्ज के रूप में बैंकों को दिया गया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में किसानों के खातों में 6000 रुपए भेजे जाते हैं। 2,000 रुपए की राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है।