नयी दिल्ली: रिलायंस कम्युनिकेशंस से बड़ी खबर आई है बताया जा रहा है कि अनिल अंबानी ने कर्ज के बोझ से दबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। शेयर बाजारों को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है कि अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी काकर, सुरेश रंगाचर ने आरकॉम के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले मणिकंतन वी, ने कंपनी के निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) का पद छोड़ा था। कंपनी ने कहा है कि इन इस्तीफों को कंपनी के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष विचारार्थ रखा जाएगा।
आरकॉम फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है। सांविधिक बकाया पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की वजह से कंपनी को अपनी देनदारियों के लिए भारी-भरकम प्रावधान करना पड़ा है। इससे चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है।
अभी हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को नयी बीमा पॉलिसी बेचने से रोक दिया था। प्राधिकरण ने कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया,नियामक ने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी पूरी वित्तीय संपत्तियों समेत मौजूदा बीमा देनदारियां रिलांयस जनरल इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने को भी कहा है। मौजूदा बीमा धारकों के दावों का निपटान अब रिलांयस जनरल इंश्योरेंस ही करेगी।
नियामक ने एक आदेश में कहा है कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस की वित्तीय स्थिति दावों के भुगतान समेत अन्य देनदारियों के लिहाज से प्रावधानों के अनुकूल नहीं हैं। लिहाजा ऐसे हालात में उसे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बीमा पॉलिसी बेचने देना बीमाधारकों के हित में नहीं है। इरडा ने अपने आदेश में कहा कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस 15 नवंबर से बीमा बेचना बंद कर देगी और इसे अपनी वेबसाइट तथा सभी शाखाओं में स्पष्टता के साथ प्रदर्शित करेगी।
इससे पहले सितंबर में रिलायंस कम्युनिकेशन ने सितंबर 2019 में अनिल अंबानी की एक और कंपनी ने दिवालिया होने की अर्जी दी थी। अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी आरकॉम का भी भारत में दिवालिया कानून के तहत निपटारा हो रहा है।रिलायंस कम्युनिकेशंस की ही एक और कंपनी ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज ने अमेरिका की कोर्ट में दिवालिया कानून के तहत अर्जी दी है। कंपनी अगस्त में मैच्योर हुए बॉन्ड के 35 करोड़ डॉलर नहीं दे पाई है।
ये अर्जी यूस बैंकरप्टसी कोर्ट में चैप्टर 11 के तहत दी गई थी। इस कंपनी के पास समुद्र के भीतर सबसे बड़ा केबल सिस्टम है। इसकेपास 68 हजार किलोमीटर से ज्यादा का नेटवर्क है। ऐसा अनुमान है कि आरकॉम के ऊपर 40 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।