- GST परिषद ATF को जीएसटी में शामिल करने का अंतिम निर्णय लेगा।
- सरकार द्वारा एटीएफ पर उत्पाद शुल्क लगाया जाता है।
- इसके अलावा राज्य सरकारें एटीएफ पर वैट वसूलती हैं।
ATF Price Hike: आने वाले दिनों में हवाई यात्रियों को झटका लग सकता है, क्योंकि हवाई सफर (Air travel) महंगा होने की उम्मीद है। तेल विपणन कंपनियों ने बुधवार को फरवरी में दूसरी बार विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) की कीमतें बढ़ा दी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में जेट ईंधन की कीमत 86,038.16 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़ाकर 90,519.79 रुपये प्रति किलोलीटर कर दी गई है।
अन्ह शहरों में इतना हुआ एटीएफ का दाम
कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य मेट्रो शहरों में, कीमत अब क्रमशः 94,888.70 रुपये, 88,987.20 रुपये और 93,371.18 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। इस बढ़ोतरी से विमानन कंपनियों के फाइनेंस पर सीधा असर पड़ने की उम्मीद है। कंपनियां पहले ही उच्च कर्ज के दबाव में हैं। मौजूदा समय में, ईंधन आधारित खर्च एक एयरलाइन की कुल परिचालन लागत का 30 फीसदी से अधिक है।
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एटीएफ को GST के दायरे में लाने पर हो सकती है चर्चा
दुनिया में एटीएफ पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी शामिल है। उद्योग केंद्र सरकार से ईंधन को जीएसटी (GST) के दायरे में शामिल करने का आग्रह कर रहा है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि वह जीएसटी परिषद (GST Council) की आगामी बैठक में एविएशन टर्बाइन फ्यूल को जीएसटी के तहत शामिल करने का मुद्दा उठाएंगी।
28 फरवरी तक सस्पेंड हैं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
मालूम हो कि सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी पेश किया गया था, तब पांच उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था। इनमें एटीएफ के अलावा कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल और डीजल शामिल है। फिलहाल देश में कोरोना वायरस को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत से आने-जाने वाली शेड्यूल अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल उड़ानों को 28 फरवरी तक निलंबित किया है।