- इंडोनेशिया पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- देश में महंगाई और बढ़ सकती है।
- पाम तेल महंगा होने देश में इसकी कीमत बढ़ सकती है।
Edible Oil: देश की जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है। अब भारतीयों पर बोझ और बढ़ने वाला है। इंडोनेशिया ने गुरुवार को पाम तेल (Palm Oil) के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया। दरअसल इंडोनेशिया में खाना के तेल की कीमत बढ़ रही है और साथ ही देश घरेलू आपूर्ति की कमी का भी सामना कर रहा है। कई शहरों में ग्राहकों को सब्सिडी पर आवश्यक वस्तु खरीदने के लिए डिस्ट्रिब्यूशन सेंटरके सामने घंटों इंतजार करना पड़ता है।
ऑयल सीड्स के निर्यात पर प्रतिबंध भी शामिल
अधिकारियों को डर है कि दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में खाने के तेल की कमी और बढ़ती कीमत सोशल टेंशन को बढ़ावा दे सकती है। बुधवार को देर रात स्पष्ट किया गया कि प्रतिबंध में ना सिर्फ खाने के तेल के लिए बने प्रोडक्ट्स, बल्कि तिलहन के सभी निर्यात शामिल हैं।
देश के निवासियों को सप्लाई करना है पहली प्राथमिकता
इस संदर्भ में आर्थिक मामलों के कॉर्डिनेटिंग मंत्री Airlangga Hartarto ने कहा कि, 'कच्चे पाम तेल सहित सभी प्रोडक्ट्स ट्रेड रेगुलेशन मंत्रालय द्वारा कवर किए गए हैं और लागू किए जाएंगे।' वहीं राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने कहा कि देश के 270 मिलियन लोगों को स्पलाई करना उनकी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है।
ज्यादातर इन देशों को निर्यात करता है इंडोनेशिया
आगे उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक के रूप में, यह विडंबना है कि हमें खाना पकाने का तेल प्राप्त करने में मुश्किलें हो रही हैं। इंडोनेशिया पाम तेल का दुनिया का लगभग 60 फीसदी उत्पादन करता है, जिसका एक तिहाई डोमेस्टिक बाजार में खपत होता है। इंडोनेशिया से तेल का ज्यादातर निर्यात भारत, चीन, यूरोपीय संघ और पाकिस्तान जैसे देशों को किया जाता है।