- बैंकों द्वारा ग्राहकों को दी गई छूट खत्म हो गई है
- पुरानी चार्ज व्यवस्था फिर से बहाल हो गई है
- लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों को छूट दी गई थी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 24 मार्च को 30 जून तक किसी भी दूसरे बैंकों के एटीएम से कैश निकासी पर लगने वाले शुल्क को हटाने की घोषणा थी और बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस राशि रखने की बाध्यता खत्म कर दी थी। यह घोषणा इसलिए की गई थी ताकि लोगों को कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी ना हो। जैसे ही धीरे-धीरे लॉकडाउन हटना शुरू हुआ। वैसे की महामारी के दौरान जो कुछ राहत के उपायों की घोषणा पहले की गई थी अब धीरे-धीरे खत्म किया जा सकता है। उसी तरह बैंकों द्वारा ग्राहकों को दी गई शुल्क छूट आज (1 जुलाई) से खत्म हो गए हैं यानी पुरानी चार्ज व्यवस्था फिर से बहाल हो गई है। अब एटीएम लेनेदेन पर चार्ज लगेगा और सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना होगा।
एटीएम लेनदेन के नियम और शुल्क
आमतौर पर, बैंक एक निश्चित संख्या में एटीएम लेनदेन की अनुमति देते हैं। उसके बाद की निकासी पर शुल्क लेना शुरू करते हैं। एटीएम में पैसा निकालने के अलावा, आप अपने खाते की बैलेंस राशि की जांच भी कर सकते हैं, एक मिनी खाता डिटेल प्रिंट कर सकते हैं, दूसरे बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक मेट्रो शहरों में बचत खाता धारकों के लिए एक महीने में 8 मुफ्त एटीएम लेनदेन की पेशकश करता है। इसमें एसबीआई एटीएम से 5 लेनदेन और किसी अन्य बैंक के एटीएम से 3 लेनदेन शामिल हैं। इसी तरह, गैर-महानगरों के लिए, ग्राहकों के लिए 10 फ्री एटीएम लेनदेन की अनुमति है। इसमें एसबीआई के एटीएम से 5 और किसी अन्य बैंक के एटीएम से 5 लेनदेन शामिल हैं। फ्री एटीएम यूज सीमा समाप्त होने के बाद, बैंक नकद लेनदेन के लिए 20 रुपए से अधिक माल और सेवा कर (GST) वसूल सकता है। गैर-नकद लेनदेन के लिए, 8 रुपए से अधिक जीएसटी वसूला जाएगा। यह शुल्क एक जुलाई से लागू हो गया।
न्यूनतम बैलेंस के गैर-रखरखाव के लिए चार्ज
आपके बचत बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस राशि नहीं रखने के लिए दंड शुल्क 30 जून तक माफ कर दिया गया था। नॉर्मल टाइम में, बैंकों को अपने बचत खाते के ग्राहकों को एक महीने या एक क्वार्टर में न्यूनतम बैलेंस राशि रखनी जरूरी होती है। खाते में तय न्यूनतम बैलेंस राशि नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलते हैं। प्रत्येक बैंक का जुर्माना चार्ज अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक में, आपको खाता बनाए रखने के लिए न्यूनतम बैलेंस राशि रखनी होती है। मेट्रो और शहरी शाखाओं में न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपए है। अर्ध-शहरी और ग्रामीण शाखाओं के लिए यह 5,000 रुपए है। जुर्माना शुल्क की गणना रुपए की कमी की सीमा के आधार पर की जाती है।
यदि औसत न्यूनतम बैलेंस राशि 7500 रुपए से 10000 रुपए के बीच है, तो बैंक 150 रुपए से अधिक टैक्स वसूल करेगा। इसी तरह, अगर न्यूनतम बैलेंस 5000 रुपए से 7500 रुपए के बीच है, तो बैंक 300 रुपए से अधिक टैक्स लेगा। 2500 रुपए और 4999 रुपए के बीच बैलेंस है तो आपको 450 रुपए टैक्स का जुर्माना देना होगा। अगर बैलेंस राशि 2500 रुपए से कम है, तो 600 रुपए टैक्स वसूला जाएगा।
जुर्माना से कैसे बच सकते हैं?
कई वेतनभोगी लोग कई बैंक खाते रखते हैं क्योंकि वे नौकरी बदलते हैं या नए शहरों में जाते हैं। ऐसे मामलों में, कुछ बैंक कुछ महीनों के बाद इन जीरो बैलेंस वेतन खातों को नियमित बचत खातों में बदल देते हैं, क्योंकि वेतन क्रेडिट नहीं होते हैं। इसलिए, आपको उन नन-सैलरी बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने होगा। ईमेल के माध्यम से या कस्टमर सर्विस को कॉल करके किसी भी निष्क्रिय खातों को बंद करा देना बेहतर होगा।