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पेंशनरों को बड़ी राहत, बढ़ी लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की तारीख, मिलेगी फेस-रिकग्निशन की भी सुविधा

Updated Dec 21, 2020 | 11:47 IST

कोरोना वायरस महामारी के बीच पेंशन पाने वालों को बड़ी राहत दी गई है। जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की तारीख बढ़ा दी गई है। साथ में  डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी जाएगी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
केंद्र सरकार के पेंशनरों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में राहत दी गई

नई दिल्ली: COVID-19 महामारी के बीच केंद्र सरकार के पेंशनरों को बड़ी राहत दी गई है। उनके लिए जीवन प्रमाण पत्र (Life certificate) जमा करने की तारीख अगले साल 28 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को दी। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि यह फैसला महामारी के खतरे को देखते हुए सभी सेंसेटिव लोगों के लिए लिया गया है। जो पेंशन लेने और दस्तावेज जमा करने के लिए बैंक पहुंचते हैं और वहां भीड़ हो जाती है।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 80 साल से अधिक उम्र के पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए 1 अक्टूबर से एक स्पेशल विंडो दी गई थी ताकि महामारी के खतरे को देखते हुए 1 नवंबर की शुरुआती तारीख से होने वाली भीड़ से बचा जाए। सिंह ने कहा कि पेंशन की निरंतरता के लिए जहां वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र अनिवार्य है, वहीं पेंशन और पेंशनभोगियों के कल्याण विभाग (DoPPW) ने हाल ही में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) की सुविधा के लिए भारतीय डाक भुगतान बैंक (IPPB) में डालने का इनोवेटिव फैसला लिया।

उन्होंने बताया कि आईपीपीबी अब 1.89 लाख डाककर्मियों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से पेंशनरों के घरों से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र इकट्ठा करने में मदद कर रहा है। मंत्री ने कहा कि इससे पेंशनभोगियों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी सुविधा होगी। पेंशन और पेंशनरों के कल्याण विभाग ने घर से डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में वृद्ध या अशक्त पेंशनरों को सपोर्ट देने के लिए एक अभियान शुरू किया है। सिंह ने कहा कि घर से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के अन्य तरीके जैसे बायोमेट्रिक डिवाइस को पर्सनल कंप्यूटर या मोबाइल से जोड़ना भी चालू है। उन्होंने कहा कि विभाग ने उम्र के कारण बदलते बायोमेट्रिक्स के चलते वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अनुभव की जा रही कुछ असुविधाओं का भी उल्लेख किया है।

सिंह ने कहा कि आयु से संबंधित वैज्ञानिक परेशानी को दूर करने के लिए, सभी पेंशन देने वाले बैंकों को अनुमति दी गई कि वह RBI दिशानिर्देशों के तहत पेंशनभोगियों से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त सुविधा के रूप में वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) को अपनाएं। उन्होंने कहा कि DoPPW किसी भी बायोमेट्रिक डिवाइस को संलग्न किए बिना साधारण एंड्रॉइड फोन के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए फेस-रिकग्निशन टैक्नोलॉजी को शुरू करने की कगार पर है। इस सुविधा का उपयोग कर सिंह ने कहा कि चेहरे की पहचान टैक्नोलॉजी के माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करना संभव होगा।

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