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बर्ड फ्लू का खौफ: देश में 40% तक गिरी चिकन की बिक्री, लोग बनाने लगे पोल्ट्री उत्पादों से दूरी

Updated Jan 08, 2021 | 20:49 IST

चेन्नई में पोल्ट्री के एक रिटेल सप्लायर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'बीते दो दिनों से उपभोक्ताओं में थोड़ी घबराहट देखी जा रही है। हमें लगता है कि कारोबार में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है।'

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
बर्ड फ्लू का खौफ: देश में 40% तक गिरी चिकन की बिक्री।

नई दिल्ली : कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक देने और हजारों पक्षियों की मौत के बाद देश में चिकन और अंडों के कीमत में कमी देखने को मिली है। संक्रमण फैलने का असर पोल्ट्री उद्योगों एवं बाजारों पर पड़ा है। पिछले कुछ दिनों में चिकन और अंडे की मांग में कमी देखने को मिली है। बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए देश के 1.75 लाख करोड़ रुपए के पोल्ट्री उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बता दें कि बर्ड फ्लू (एवियन एनफ्लुएंजा) के संक्रमण से केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में बत्तख, कौवों सहित हजारों पक्षियों की मौत हो गई है। इसके बाद से देश भर में एहतियात बरता जा रहा है।

उपभोक्ताओं में दिख रही थोड़ी घबराहट
चेन्नई में पोल्ट्री के एक रिटेल सप्लायर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'बीते दो दिनों से उपभोक्ताओं में थोड़ी घबराहट देखी जा रही है। हमें लगता है कि कारोबार में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है।' बर्ड फ्लू का पहला मामला बीते सप्ताह राजस्थान में मिला। इसके बाद केरल में यह बड़े रूप में सामने आया। केरल के अलप्पुझा एवं कोट्टयम में छह जनवरी को बत्तख, मुर्गे-मुर्गियों सहित लाखों की संख्या में पक्षियों को मारना पड़ा। 

केरल सबसे अधिक प्रभावित
बर्ड फ्लू संकट के बढ़ते दायरे को देखते हुए केरल ने राज्य में आपदा घोषित कर दिया है और पक्षियों को मारने एवं निगरानी करने के लिए रैपिड रिस्पॉंस टीमों की तैनाती की है। मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों को लाए जाने पर रोक लगा दी गई है जबकि हिमाचल प्रदेश में पक्षियों की बिक्री पर रोक एवं देहरा, फतेहपुर, जवाली एवं इंदोरा में पोल्ट्री पक्षियों का निर्यात बंद कर दिया गया है। 

पोल्टी उद्योग को उम्मीद-जल्द लौटेगी रौनक
इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बर्ड फ्लू के संकट के बाद उत्तर एवं पश्चिम भारत में  चिकन की बिक्री में आधी और दक्षिण भारत में एक तिहाई की कमी आई है। पोल्ट्री उद्योग से जुड़े अधिकारियों को कहना है कि बीते कुछ दिनों में चिकन के दाम करीब 20 प्रतिशत नीचे आए हैं। हालांकि, पोल्ट्री उद्योग को लगता है कि वह इस संकट से आठ से 10 दिनों में उबर जाएगा क्योंकि भारत बर्ड फ्लू के संकट को सफलतापूर्वक नियंत्रित करते आया है। 

लोग बरत रहे एहतियात
देश के करीब 85,000 करोड़ रुपए के ब्रॉयलर चिकन उद्योग और 40,000 करोड़ रुपए के अंडा उद्योग सहित राज्य एवं केंद्र सरकार का कहना है कि बर्ड फ्लू से मनष्यों को कोई खतरा नहीं है लेकिन एहतियात बरतने की जरूरत है। कोयंबटूर स्थित सुगुना फूड्स के चेयरमैन बी सुंदराजन का कहना है, 'दक्षिण भारत में चिकन की बिक्री में 30 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि देश के उत्तर एवं पश्चिमी भागों में बिक्री 50-60 प्रतिशत नीचे आई है।' 
 

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