नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश किया गया। इसमें कोई बड़ा कर परिवर्तन नहीं हुआ है। आय कर स्लैब में भी बदलाव नहीं किया गया है। यानी आम जनता को कोई राहत नहीं दी गई है। साल 2020-21 का टैक्स स्लैब ही 2021-22 में प्रभावी रहेगा। हालांकि टैक्स को लेकर कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। यहां जानें इन बदलावों के बारे में:
वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। भुगतान करने वाला बैंक उनकी आय से आवश्यक कर की कटौती करेगा।
आयकर फाइलिंग का सरलीकरण किया गया है। अधिसूचित प्रतिभूतियों से प्राप्त कैपिटल गेन, लाभांश आय, बैंक से प्राप्त ब्याज इत्यादि का विवरण रिटर्न में पहले से भरना होगा।
विवादों को कम करना
- मामलों को दोबारा खोलने की समय सीमा घटाकर 6 वर्ष से 3 वर्ष की गई
- कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्य आयुक्त का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
- 50 लाख रुपए तक की कर योग्य आय और 10 लाख रुपए तक की विवादग्रस्त आय के साथ कोई भी व्यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
- राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल केंद्र स्थापित करने की घोषणा।