- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार लोकसभा में बजट 2022 पेश किया
- बजट 2022 में शिक्षा, नौकरियों, किसानों एवं समावेशी विकास पर जोर
- वित्त मंत्री ने आम बजट 2022 को पेश करते हुए 'अमृत काल' का जिक्र किया
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2022 पेश किया। इस बजट के बारे में उन्होंने कहा कि यह अगले 25 सालों में आर्थिक सुधार के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा। बजट पेश करते हुए उन्होंने 'अमृत काल' शब्द का जिक्र किया। इस शब्द का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गत साल अक्टूबर में किया था। पीएम ने इस शब्द का इस्तेमाल एक खास संदर्भ में किया था।
पीएम 'अमृत काल' शब्द का इस्तेमाल कर चुके हैं
पीएम मोदी ने देश के अगले 25 वर्षों को 'अमृत काल' करार देते हुए कहा था, 'हम इन दिनों आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं। अगले 25 वर्षों में 'अमृत काल' के दौरान आत्मनिर्भर भारत के लिए जो संकल्प लिए गए हैं देश उन संकल्पों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेगा। आज हम 'गुड गर्वनेंस', 'प्रो-पीपुल प्रो एक्टिव गवर्नेंस' को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'
1 रुपए से समझिए बजट का गणित,जानें सरकार की आमदनी और खर्च
देश भर में मन रहा 'आजादी का अमृत महोत्सव'
प्रधानमंत्री ने यह बात केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही थी। बता दें कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर देश भर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' पर्व मनाया जा रहा है। इसके तहत देश में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस की परेड में भी इसकी झलक देखने को मिली।
नया भारत पारदर्शी व्यवस्था में विश्वास करता है-पीएम
पीएम ने कहा, 'आधुनिक सोच वाला 21वीं सदी का भारत मानवता के विकास के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देता है। नया भारत नएपन के साथ काम करता है। नई शुरुआत करने में विश्वास और कार्यों को पूरा करने में भरोसा करता है। नया भारत पारदर्शी व्यवस्था, सक्षम प्रक्रिया एवं बाधा रहित प्रशासन में विश्वास करता है।'
अश्विनी चौबे ने भी बजट को ‘अमृत बजट’करार दिया
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने आम बजट को ‘अमृत बजट’करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप है। चौबे ने कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह अमृत बजट है और यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है।’ उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को पूरा करने वाला यह बजट "सबका साथ, सबका विश्वास" के मूल मंत्र पर आधारित है क्योंकि बजट में महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों, व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है।’