- 1 फरवरी 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।
- इस बार के बजट में वित्त मंत्री जीएसटी को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं।
- सरकार अनुपालन बोझ को कम करने के लिए भी घोषणा कर सकती है।
Budget 2022: अप्रत्यक्ष कर के मुकदमों के समाधान में तेजी लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) 2022-23 के केंद्रीय बजट (Union Budget 2022-23) में एक माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (Goods and Service Tax Appellate Tribunal, GSTAT) स्थापित करने का प्रस्ताव कर सकती है।
मामले से जुड़े दो लोगों के अनुसार, सरकार GSTAT की स्थापना पर विचार कर रही है, जिसका उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना और ईज ऑफ बिजनेस को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में करदाताओं को उच्च न्यायालयों में अपील करना होता है, जो महंगा पड़ता है और इसमें समय भी अधिक लगता है।
सरकार को शिकायतें मिल रही हैं कि भले ही करदाताओं का तर्क होता है कि आकलन गलत है, जीएसटी अधिकारी अक्सर करदाताओं पर निर्धारित कर राशि का भुगतान करने के लिए दबाव डालते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने उनमें एक अधिकारी के हवाले से कहा कि उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करने में असमर्थ, कई करदाता विरोध के तहत जीएसटी बकाया का भुगतान करते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
मालूम हो कि सितंबर 2021 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन करने के लिए कहा था, जिसे जीएसटी अधिनियम के अस्तित्व में होने के चार साल बाद भी स्थापित नहीं किया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि, 'सीजीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन नहीं किया गया है, आपको ट्रिब्यूनल का गठन करना है।'
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी थी प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2019 में जीएसटी कानून के अनुपालन में एक राष्ट्रीय जीएसटीएटी और इसकी क्षेत्रीय बेंच स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सरकार ने प्रस्तावित किया था कि ट्रिब्यूनल की राष्ट्रीय पीठ राष्ट्रीय राजधानी में स्थित होगी, जिसमें कहा गया था कि इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
सरकार ने कहा था कि इसमें एक तकनीकी सदस्य केंद्र से और दूसरा राज्य से होगा। हालांकि, सरकार ने कहा कि तकनीकी समस्याओं के कारण GSTAT का गठन नहीं किया जा सका।