- बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने की मांग की जा रही है।
- वहीं स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से इसपर टैक्स कम करने का आग्रह किया है।
- टैक्स बढ़ाने से लाखों लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
Budget 2022: 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट से सभी उद्योगों को उम्मीदें हैं। सरकार से तंबाकू (Tobacco) उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की मांग की जा रही है। इस बीच आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से 'बीड़ी' पर टैक्स कम करने का आग्रह किया है। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि बीड़ी पर टैक्स घटाने से लाखों श्रमिकों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
बढ़ सकता है नक्सलवाद
अखिल भारतीय बीड़ी उद्योग संघ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बीड़ी को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों (COTPA) में प्रस्तावित संशोधनों के दायरे से बाहर रखा जाए। नए कदम उठाने से पहले केंद्र सरकार को उद्योग के लोगों की आजीविका के लिए वैकल्पिक रोजगार का सृजन करना चाहिए। एसजेएम ने सरकार से 'बीड़ी' पर टैरिफ में कटौती करने का आग्रह किया है। उद्योग के श्रमिकों को नक्सलवाद की ओर भी धकेला जा सकता है।
4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है उद्योग
माना जाता है कि बीड़ी उद्योग देश में 4 से 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार और आजीविका प्रदान करता है। इनमें से ज्यादातर श्रमिक गरीब घरों की महिलाएं हैं और वे हैं जो उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले 'तेंदू' पत्ते इकट्ठा करते हैं।
बीड़ी पर लगता है 28 फीसदी जीएसटी
अश्विनी महाजन ने कहा कि बीड़ी उद्योग पहले से ही 28 फीसदी जीएसटी लागू होने से पीड़ित है। अगर बीड़ी पर टैक्स और बढ़ा दिया जाता है तो लाखों लोगों की आजीविका छिन जाएगी। इससे नक्सलवाद भी बढ़ेगा। सरकार को बीड़ी पर टैक्स कम करना चाहिए।