- बीमा उद्योग ने धारा 80सी के तहत छूट की अलग श्रेणी बनाने का सुझाव दिया है।
- निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करेंगी।
- साथ ही बीमाधारकों के हित में पेंशन लाभ को कर मुक्त करने का सुझाव दिया गया है।
Budget 2022: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के बीच अगले महीने 1 तारीख को पेश होने वाले आम बजट 2022 (Budget 2022-23) से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। सरकार लोगों को राहत देने के लिए कई बड़े ऐलान कर सकती है। लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) उद्योग को भी कई उम्मीदें हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
पेंशन लाभ को कर मुक्त करने का सुझाव
जीवन बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में धारा 80 (सी) के तहत दी जाने वाली छूट में जीवन बीमा प्रीमियम के लिए अलग श्रेणी बनाने तथा बीमाधारकों के हित में पेंशन लाभ को कर मुक्त करने का सुझाव दिया है। एजिस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सीएमओ और उत्पाद प्रमुख कार्तिक रमन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस समय कर छूट के लिए 1.5 लाख रुपये श्रेणी काफी अव्यवस्थित है और इसमें जीवन बीमा प्रीमियम के जरिए कर छूट का पूरा लाभ पाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है।
कर लाभ के लिए अलग श्रेणी की मांग
उन्होंने कहा, 'हम छूट के मामले में कर लाभ के लिए एक अलग श्रेणी चाहते हैं, क्योंकि धारा 80 (सी) की सीमा 1,50,000 रुपये है और सब कुछ उसी के तहत आता है, जैसे पीपीएफ इसका हिस्सा है, और अगर किसी के पास आवास ऋण है, तो यह इसी से पूरा हो जाता है।' उन्होंने कहा कि इसलिए उद्योग की ओर से 'हम चाहते हैं कि कर छूट के लिए जीवन बीमा में निवेश की एक अलग धनराशि रखी जाए।'
इसके साथ ही उद्योग ने अपनी बजट सिफारिशों में एन्यूटी या पेंशन उत्पादों को कर छूट के दायरे में लाने का अनुरोध किया है। इस समय पेंशन उत्पादों को वेतन के रूप में देखा जाता है, और इसलिए यह कर योग्य है। हालांकि, आमतौर पर यह उन लोगों को मिलती है, जो आय के नियमित स्रोत से बाहर चले गए हैं और वे एन्यूटी को आय के वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखते हैं।
धारा 10 (10डी) के तहत एन्यूटी पर भी विचार
उन्होंने कहा, 'जीवनयापन की लागत लगातार बढ़ रही है, और उन पर कर लगाना सही नहीं है। हम (सरकार से) अनुरोध कर रहे हैं कि क्या धारा 10 (10डी) के तहत एन्यूटी पर भी विचार किया जा सकता है और इसे कर मुक्त किया जा सकता है।' मालूम हो कि आयकर अधिनियम की धारा 10 (10डी) बोनस सहित जीवन बीमा लाभों के लिए छूट की अनुमति देती है।
बीमा क्षेत्र के लिए बजट अपेक्षाओं पर सना इंश्योरेंस ब्रोकर्स के सह-संस्थापक श्री श्रीनाथ मुखर्जी ने कहा कि, 'स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी कम करें, क्योंकि चिकित्सा सेवाओं पर या तो शून्य जीएसटी है या कम दर है। यह ग्राहक के लिए आवश्यक स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए निरुत्साह है। उस राशि का उपयोग इसके बजाय उच्च कवरेज खरीदने के लिए किया जा सकता है, इस प्रकार पैसे का पूरा मूल्य प्राप्त करना और खरीदारों के लिए स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती बनाना।'
(एजेंसी इनपुट- भाषा)