- 20 सालों की वैधता अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई है।
- इस साल अक्टूबर की शुरुआत में कुछ ही जगहों पर 5जी सेवाएं शुरू होंगी।
- यह सर्विस पहले दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शीर्ष महानगरों में उपलब्ध हो सकती है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार को अगले 10 दिनों में तीन मौजूदा टेलिकॉम कंपनियों, रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के साथ- साथ अडानी ग्रुप की डिजिटल कनेक्टिविटी सॉल्यूशन आर्म अडानी डेटा नेटवर्क्स (Adani Data Networks) लिमिटेड से 13,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। सरकार को हाल ही में संपन्न हुए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी (5G Spectrum Auction) के प्रोसेस में खरीदे गए एयरवेव के लिए पहली किस्त मिलेगी।
कौन सी कंपनी कितना करेगी भुगतान?
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिक्युनिकेशंस की गणना के अनुसार, मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की दूरसंचार शाखा जियो की पहली किस्त 7,838 करोड़ रुपये होगी। सुनील मित्तल (Sunil Mittal) के नेतृत्व वाली एयरटेल की किस्त 3,834 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया की पहली किस्त लगभग 1,673 करोड़ रुपये की होगी। अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की इकाई द्वारा अपनी पूरी बोली राशि 212 करोड़ रुपये का पेमेंट करने की संभावना है।
जियो ने लगाई सबसे बड़ी बोली
उल्लेखनीय है कि 5G स्पेक्ट्रम के लिए जियो सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है। कंपनी ने 88,078 करोड़ रुपये में लगभग आधे स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया है। एयरटेल ने विभिन्न बैंडों में 43,084 करोड़ रुपये में 19,867 मेगाहर्ट्ज का अधिग्रहण किया और वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये के एयरवेव खरीदे।
टेलीकॉम ऑपरेटर या तो 20 बराबर सालाना किस्तों में राशि का भुगतान कर सकते हैं, या वार्षिक किस्तों के बाद ज्यादा एडवांस पेमेंट कर सकते हैं।