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निजीकरण के खिलाफ कोल इंडिया के कर्मचारी हड़ताल पर, RSS से जुड़े मजदूर संगठन का भी समर्थन

Updated Jul 03, 2020 | 10:46 IST

Privatization of coal mining sector : कोयला खनन क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ को कोल इंडिया के कर्मचारियों के संगठन तीन दिन की हड़ताल पर हैं। इससे उत्पादन प्रभावित हुआ है। 

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निजीकरण के खिलाफ कोल इंडिया के कर्मचारी हड़ताल पर (तस्वीर सौजन्य- iStock)
मुख्य बातें
  • निजीकरण के खिलाफ कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों की तीन दिवसीय हड़ताल
  • RSS से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ समेत पांच श्रमिक संगठन हड़ताल में शामिल हैं
  • उत्पादन के मामले में करीब 20 लाख टन का नुकसान हुआ है

नई दिल्ली : सरकार के कोयला खनन क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को कॉमर्शियल खनन की इजाजत देने के विरोध में कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों की तीन दिवसीय हड़ताल गुरुवार से शुरू हो गई। इससे उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस बीच, सरकार ने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने अपना काम शुरू करने का आग्रह किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ समेत पांच श्रमिक संगठन वाणिज्यिक रूप से कोयला खनन की अनुमति देने और कोल इंडिया की इकाई सीएमपीडीआईएल को उससे अलग करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।

पहले दिन कोयले का उत्पादन ठप रहा

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बुधवार को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई बैठक का कोई परिणाम नहीं आने के बाद श्रमिक संगठनों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया। ट्रेड यूनियन ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कोयले का उत्पादन ठप रहा। उत्पादन के मामले में करीब 20 लाख टन का नुकसान हुआ है। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस से संबद्ध इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडरेशन के महासचिव एस क्यू जमा ने कहा कि कोयले की आपूर्ति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हड़ताल में 95 प्रतिशत श्रमिक शामिल हैं।

कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह

इस बीच, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोल इंडिया के कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने और काम शुरू करने का आग्रह किया है। जोशी ने ट्विटर पर लिखा है कि कोल इंडिया से राजस्व के रूप में सरकारों को 319 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का अनुमान है। यह नुकसान राष्ट्रीय नुकसान है। मैं कोल इंडिया के कर्मचारियों से मौजूदा हड़ताल समाप्त करने और कामकाज शुरू करने का आग्रह करता हूं।

मात्र 20 प्रतिशत रही कर्मचारियों की उपस्थिति

कोल इंडिया के एक अधिकारी के अनुसार कोल इंडिया के चेययरमैन प्रमोद अग्रवाल ने गुरुवार को कर्मचारियों से सार्वजनिक उपक्रम के हित में अपना काम शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कोल इंडिया के कर्मचारियों की उपस्थिति करीब 20 प्रतिशत रही। इस बीच जमा ने कहा कि हड़ताल शुक्रवार और शनिवार को भी जारी रहेगी। उसके बाद अगर वाणिज्यिक खनन के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है, पांचों श्रमिक संगठन आंदोलन आगे और तेज करने बारे में निर्णय करेंगे।

हड़ताल में ये संगठन शामिल

हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी भी खनन कंपनी से किसी अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं है। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. के अंतर्गत कुछ खदानों में कुछ घटना की रिपोर्ट है। कोल इंडिया से जुड़े केंद्रीय श्रमिक संगठनों में एचएमएस, भारतीय मजदूर संघ, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) शामिल हैं। बीएमएस की अगुवाई वाले एक श्रमिक संगठन ने कहा कि हड़ताल का पहला दिन शत प्रतिशत सफल रहा। न तो कोई उत्पादन हुआ और न ही कोई आपूर्ति।

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