Cooking oil/oilseed price today, 07 September 2020 : सस्ते आयातित खाने वाले तेलों की वजह से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में सोमवार (07 सितंबर) को मूंगफली और सोयाबीन समेत सभी प्रमुख खाद्य तेलों (Edible oils) की कीमतें गिरकर बंद हुईं। शिकागो के बाजार सोमवार को लेबर डे के कारण बंद रहे जबकि मलेशिया एक्सचेंज में कच्चा पामतेल 1.25 प्रतिशत नरम हो गया। मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट आने से स्थानीय बाजार में पाम एवं पामोलीन तेल में गिरावट रही। सीपीओ भी 10 रुपए की हानि के साथ 7,530-7,580 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ जबकि पामोलीन दिल्ली और कांडला की कीमतें क्रमश: 50 रुपए और 20 रुपए की हानि के साथ क्रमश: 9,050 रुपए और 8,280 रुपए क्विन्टल पर बंद हुई।
देश में सस्ते आयात के बढ़ने से सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और डीगम क्रमश: 50 रुपए, 110 रुपए और 40 रुपए के नुकसान के साथ क्रमश: 9,500 रुपए, 9,250 रुपए और 8,360 रुपए क्विन्टल पर बंद हुए। भारी स्टॉक होने और मांग कमजोर रहने से मूंगफली दाना की कीमत 10 रुपए की हानि के साथ 4,700-4,750 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। जबकि मूंगफली गुजरात की कीमत 30 रुपए की गिरावट दर्शाती 12,170 रुपए क्विन्टल रह गई। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड 5 रुपए टूटकर 1,780-1,840 रुपए प्रति टिन पर बंद हुआ।
बाजार के थोक भाव सोमवार को इस प्रकार रहे- (भाव- रुपए प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन - 5,335- 5,385 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
- मूंगफली दाना - 4,700- 4,750 रुपए।
- वनस्पति घी- 955 - 1,060 रुपए प्रति टिन।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,170 रुपए।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,780- 1,840 रुपए प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 10,650 रुपए प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 1,660 - 1,800 रुपए प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 1,770 - 1,890 रुपए प्रति टिन।
- तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपए।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,500 रुपए।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,250 रुपए।
- सोयाबीन तेल डीगम- 8,360 रुपए।
- सीपीओ एक्स-कांडला-7,530 से 7,580 रुपए।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,500 रुपए।
- पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,050 रुपए।
- पामोलीन कांडला- 8,280 रुपए (बिना जीएसटी के)।
- सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,885- 3,925 लूज में 3,715 -- 3,735 रुपए।
- मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपए
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) की ओर से भी सरकार से मांग की गई है कि देश में हल्के तेलों (सॉफ्ट आयल) का आयात नहीं किया जाये और उनपर भारी शुल्क लगाया जाये। उन्होंने कहा कि बेपरता कारोबार और सस्ते आयात से तेल तिलहन उद्योग और किसान हल्कान हैं। इस पर अंकुश लगना चाहिये।