नई दिल्ली : देश भर में फैलते कोरोना वायरस के बीच गरीबों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है। सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के प्रभाव से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को 1.70 लाख करोड़ की मदद की जाएगी। नीचे पढ़िए इस पैकेज से किसे कितना लाभ हुआ है।
- मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए किया। इससे पांच करोड़ परिवार को लाभ होगा।
- प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में 2000-2000 रुपए का अग्रिम भुगतान करेगी
- तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं तथा गरीब दिव्यांगों को 1000-1000 रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी
- उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले 3 महीने तक मुफ्त मिलेगा रसोई गैस सिलिंडर, 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को होगा लाभ
- 63 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए रहन- मुक्त ब्याज दोगुना कर 20 लाख रुपए किया गया, 7 करोड़ परिवारों को होगा लाभ
- 80 करोड़ गरीब लोग जिन्हें पहले से ही 5 किलो चावल/गेहूं प्रति व्यक्ति मिलता है, अब उन्हें अतिरिक्त 5 किलो चावल/गेहूं मुफ्त मिलेगा। साथ ही 1kg दाल भी दी जाएगी।
- कोरोना कमांडोज इस जंग को लड़ रहे हैं, उन्हें 50 लाख का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा।
- उज्जवला योजना में 8.3 करोड़ BPLपरिवारों को शामिल किया गया है, ताकि खाना पकाने के लिए कोई कमी न हो, 3 महीने तक मुफ्त सिलेंडर मिलेगा
- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के लिए 1000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। अगले 3 महीने तक दो किस्त में दिया जाएगा। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा। इस पहल का फायदा लगभग 3 करोड़ लोगों को होगा।
- जो 63 लाख स्वयं सहायता समूह इस देश में काम कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जो 10 लाख रुपए का लोन मिलता था उसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जा रहा है। ताकि वो ज्यादा काम कर सकें।
-
संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए और जो नौकरी करने वाले या देने वाले हैं, और वो संस्थान जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और जहां 15000 से कम सैलरी पाने वाले 90% कर्मचारी हैं। उसमें ईपीएफ के हिस्से का नौकरी देने वाले का 12% और नौकरी करने वाला का भी 12% सरकार देगी।
-
निर्माण श्रमिकों के लिए भवन व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण फंड होता है। इसमें करीब 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड श्रमिक हैं और इसमें करीब 31,000 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध है, राज्य सरकारों को निर्देश दिये गए हैं कि श्रमिकों के कल्याण में इस फंड का उपयोग करें।