पहली बार घर खरीदना, अधिकांश लोगों के लिए एक बहुत मुश्किल वित्तीय काम है। इसके अलावा, कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण मौजूदा वैश्विक आर्थिक संकट के परिणामस्वरूप घर खरीदना और ज्यादा मुश्किल हो गया है। यदि आप इस साल एक घर खरीदना चाहते थे तो अचानक घटी इस घटना के कारण अब आप सोच रहे होंगे कि इसे कैसे करना चाहिए। कई कारणों से इस सवाल का कोई क्लियर जवाब नहीं मिल रहा है। लेकिन, कोविड-19 संकट के दौरान अपने घर खरीदने के प्लान को पूरा करने से पहले, आपको सबसे पहले यह समझना होगा कि रियल एस्टेट सेक्टर पर इस महामारी का कैसा असर पड़ रहा है।
रियल्टी सेक्टर और वैश्विक महामारी संकट
रियल्टी सेक्टर पहले से ही धीमी अर्थव्यवस्था, क्रेडिट की कमी और तैयार मकानों की बढ़ती लिस्ट की मार झेल रहा है, और इस महामारी के कारण इसकी हालत और खराब होने वाली है। इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में लॉक डाउन के कारण सभी कंस्ट्रक्शन वर्क रुक गए हैं और कई मजदूर अपने गांव चले गए हैं। इससे भविष्य में मजदूरों की कमी हो सकती है जिससे इस सेक्टर की हालत में सुधार होना ज्यादा मुश्किल है। इसके अलावा, अपने प्रोजेक्ट्स के लिए लोन लेने वाले डेवलपर्स को पैसे की तंगी का सामना करना पड़ सकता है, और शायद वे निर्धारित समय में अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाएंगे। देर से प्रोजेक्ट पूरा करने पर, रेरा (RERA) के नियमानुसार पेनाल्टी चार्ज भी लग सकते हैं। इसके अलावा, बहुत ज्यादा जमीनें खरीदकर बैठे कई डेवलपर्स निकट भविष्य में उन्हें बेच नहीं पाएंगे जिससे उन्हें भी पैसे की कमी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके उसे 4.40% करने से डेवलपर्स को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन रियल्टी सेक्टर की हालत कैसे और कब सुधरेगी अभी यह क्लियर नहीं है।
घर खरीदारों के नजरिए से वैश्विक महामारी संकट
यदि आप एक मौजूदा घर खरीदार हैं और आपके हाथ में आपकी प्रॉपर्टी आ गई है तो यह आपके लिए एक अच्छा समय हो सकता है क्योंकि आपके होम लोन का इंटरेस्ट रेट, आरबीआई की नवीनतम रेपो रेट कटौती घोषणा के कारण काफी कम हो सकता है। रेपो रेट से जुड़े लोन की ईएमआई बहुत जल्दी कम हो सकती है। एमसीएलआर से जुड़े लोन में थोड़ा समय लग सकता है जब तक उसे उधारदाता द्वारा रिसेट नहीं किया जाता। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक ने उधारदाता को अपने उधारकर्ताओं को 3 महीने का ईएमआई हॉलिडे देने के लिए भी कहा है जिससे उधारकर्ताओं को इस मुश्किल समय में काफी राहत मिलेगी। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि इस ईएमआई हॉलिडे के माध्यम से रीपेमेंट को 3 महीने के लिए टाला गया है, माफ नहीं किया गया है। और, इन 3 महीनों के दौरान इंटरेस्ट चार्ज जुड़ता रहेगा।
दूसरी तरफ, यदि आपके हाथ में अपनी प्रॉपर्टी नहीं मिली है तो आपको कंस्ट्रक्शन में देरी के कारण कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। यदि आप एक घर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको इस समय एक अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के बजाय एक तैयार प्रॉपर्टी लेनी चाहिए। इसके अलावा, आपको बेहतर ऑफर भी मिल सकते हैं क्योंकि हाल की घटनाओं के कारण निकट भविष्य में प्रॉपर्टी के दाम कम हो सकते हैं।
यदि आप कुछ रिस्क जैसे देर से पूरा होने या मार्केट से जुड़े अन्य रिस्क उठाने के लिए तैयार हैं तो आप एक अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले बिल्डर के क्रेडेंशियल्स, ट्रैक रिकॉर्ड, फाइनेंशियल कैपबिलिटी, प्रॉपर्टी के रेरा (RERA) रजिस्ट्रेशन और बैंक टाई-अप जैसी बातों की जांच कर लें।
तो, आपको क्या करना चाहिए?
कोविड-19 संकट के कारण प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, लोन प्रोसेसिंग, और विभिन्न विभागों से क्लियरेंस मिलने में भी देर हो सकती है। इसके अलावा, यह महामारी लम्बे समय तक चलने पर कई घर खरीदारों की आमदनी भी खतरे में पड़ सकती है, जिससे ईएमआई देना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, मौजूदा और संभावित घर खरीदारों को इन सभी बातों पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए।
यदि आपने हाल ही में कोई प्रॉपर्टी खरीदी है या लॉक डाउन के बाद खरीदने की सोच रहे हैं तो सम्पूर्ण सुरक्षा के लिए आपको एक पर्याप्त आकार की टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी या होम लोन इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में देर नहीं करनी चाहिए। अपनी स्ट्रेटेजी तैयार करने में एक्सपर्ट की मदद की जरूरत पड़ने पर हमेशा अपने फाइनेंसियल और रियल एस्टेट एडवाइजर से संपर्क करें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)