- इसे बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है
- टर्मिनल में सात प्लेटफार्म, तीन सक्षम लाइनें और तीन पिट लाइनें होंगी
- करीब 314 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल को फरवरी के अंत तक खोला जाना था
भारत में रेलवे स्टेशनों की तुलना में एयरपोर्ट्स का बुनियादी ढांचा हमेशा बेहतर रहा है। हालांकि, बेंगलुरु में आगामी रेलवे टर्मिनल इस तरह से तैयार जा रहा है कि वह एयरपोर्ट जैसा नजर आ रहा है। बेंगलुरु के बैयप्पनहल्ली में पूरी तरह वातानुकूलित सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे टर्मिनल (Sir M Visvesvaraya Railway Terminal ) में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
टर्मिनल में एक एयरपोर्ट जैसा फेसकेड है और इसे बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है। टर्मिनल में सात प्लेटफार्म, तीन सक्षम लाइनें और तीन पिट लाइनें होंगी। टर्मिनल 4,200 वर्ग किमी के क्षेत्र में बनाया गया है और प्रतिदिन औसतन 50 ट्रेनों के साथ प्रतिदिन 50 हजार से अधिक के फुटफॉल मिलने की उम्मीद है।
सभी प्लेटफार्मों को लंबे, अंडाकार फुट ओवर ब्रिज के अलावा दो सबवे द्वारा जोड़ा जाएगा। टर्मिनल में 200 कारों और 900 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की जगह होगी।
इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 'भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर बना देश का पहला एसी रेलवे टर्मिनल बेंगलुरू में जल्द काम करना शुरू कर देगा। नए कोच टर्मिनल को महानगर के बैयापनहल्ली में बनाने की योजना थी ताकि बेंगलुरू तक ज्यादा एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा सके।
बैयापनहल्ली 2015-16 में मंजूर तीसरा कोच टर्मिनल है जिसका नामकरण भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर किया गया है।करीब 314 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल को फरवरी के अंत तक खोला जाना था, लेकिन कुछ कारणों से इसमें विलंब हो गया।
टर्मिनल के शुरू होने से बेंगलुरू से मुंबई और चेन्नई जैसे दूसरे महानगरों के लिए लंबी दूरी की ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा और बेंगलुरू को भी कर्नाटक के सभी जिलों से जोड़ा जा सकेगा।
यह टर्मिनल कर्नाटक और बाहर के अन्य रेलवे स्टेशनों के साथ शहर को जोड़ने वाली अधिक ट्रेनों को हेंडल करेगा। दक्षिण पश्चिम रेलवे (SWR) ने पहले कहा कि कोचिंग टर्मिनल केएसआर बेंगलुरु और यशवंतपुर स्टेशनों की भीड़ करने में मदद करेगा।