नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार कोविड-19 के टीकों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है और इस मुहिम में उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर अहम भूमिका निभाने जा रहा है। बुलंदशहर के चोला क्षेत्र में स्थित भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (बिबकोल) में भी कोवैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। बिबकोल कंपनी में कोवैक्सीन बनाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को कोवैक्सीन बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। वहीं कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटैक और बिबकोल के बीच एमओयू भी साहन हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त-सितंबर माह से बुलंदशहर में कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा और यहां हर माह 2 करोड़ डोज तैयार की जाएंगी। फिलहाल कंपनी की तकनीकी टीम कोवैक्सीन तैयार करने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने में लगी है।
भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (बिबकोल) कंपनी में अभी तक पोलियो की वैक्सीन बनाई जाती है। आरके शुक्ला, वाइस प्रेसिडेंट बिबकोल ने इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने एक अखबार से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार से उनकी कंपनी में कोवैक्सीन बनाने की स्वीकृति के साथ 30 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो गया है। कंपनी में 10 मिलियन डोज प्रतिमाह कोवैक्सीन बनेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेंटल ड्रग्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन को वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और तीन कंपनियों का चयन किया गया। इनमें हैफकिन बायो फार्मास्यूटिकल्स मुंबई एनडीडीबी, नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड से जुड़ी कंपनी इम्यूनोलाजिकल लिमिटेड आइआइएल और बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलाजिकल्स एंड बायोलाजिकल्स कारपोरेशन बिबकोल शामिल हैं। देश में कोरोना टीकाकरण का महाअभियान चल रहा है। इसके तहत 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, अब तक देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 17,52,35,991 हो गया है।