- भारतीयों द्वारा निवेश और आभासी मुद्राओं में तकनीकी नवाचारों के संबंध में सरकार द्वारा संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की संभावना है।
- साल 2019 में एक सरकारी पैनल ने क्रिप्टोकरेंसी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना और 10 साल की कैद की सिफारिश की थी।
- हालांकि सूत्रों के अनुसार, देश में क्रिप्टो एसेट्स पर प्रतिबंध लगाने का विचार नहीं किया जा रहा है।
Cryptocurrency Rules India: संसद (Parliament) के आगामी शीतकालीन सत्र (Winter Session) में चिंताओं के बावजूद भारत द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सख्त रुख अपनाने की संभावना नहीं है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि देश में ट्रेडिंग और निवेश की मात्रा को देखते हुए क्रिप्टो एसेट्स पर प्रतिबंध लगाने का विचार नहीं किया जा रहा है, लेकिन अनियमित आभासी मुद्राओं को कानूनी टेंडर भी नहीं माना जा रहा है। सरकार द्वारा एक बीच का रास्ता अपनाने की अधिक संभावना है और इस मामले पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है।
नीति निर्माताओं ने किया विस्तृत मूल्यांकन
हाल ही में वित्त मंत्रालय सहित नीति निर्माताओं ने अन्य देशों द्वारा अपनाए गए नियमों, उद्योग में भारतीयों द्वारा किए गए निवेश और इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विचारों का विस्तृत मूल्यांकन किया गया था। ऐसी संपत्तियों के लेनदेन पर कराधान (Taxation) पर एक और प्रस्तुतिकरण किया जाएगा, जिसके बाद कानूनी जांच की जाएगी और फिर मामला कैबिनेट को भेजा जाएगा।
नीति निर्माता सोच रहे हैं कि नियमों को इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि उन्हें प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सके और डिजिटल स्पेस में तकनीकी विकास को संज्ञान में लिया जा सके। पहले के मसौदा विधेयक में इस मामले को उचित रूप से संबोधित नहीं किया गया था।
सरकार ने पहले बजट सत्र के लिए क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के रेगुलेशन विधेयक, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) को सूचीबद्ध किया था, लेकिन इसे बड़े परामर्श के लिए पेश नहीं किया गया। तब ऐसी मुद्राओं के मसौदे के नियमों का विश्लेषण करने के लिए एक मंत्रिस्तरीय पैनल का गठन किया गया था।
वित्त मंत्री और इससे पहले ईटी को बताया था कि, 'मैंने पहले ही कहा था कि हम क्रिप्टोकरेंसी को ना नहीं कह रहे हैं। हम कह रहे हैं कि हमें यह देखना होगा कि यह तकनीक फिनटेक को अपनी क्षमता को अधिकतम करने में कैसे मदद कर सकती है।' जुलाई 2019 में एक उच्च-स्तरीय सरकारी पैनल ने क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ 25 करोड़ रुपये के जुर्माने और उसका व्यापार करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए 10 साल की कैद का सुझाव दिया था।