नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा MSME मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार डीलरों को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) का दर्जा देने पर विचार कर रही है। इससे डीलर भी MSME को मिलने वाले लाभ के पात्र हो सकेंगे। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से जुड़े सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ और सब्सिडी पाने के लिए अपना पंजीकरण कराना होता है। पंजीकृत MSME को शुल्क सब्सिडी और कर तथा पूंजीगत सब्सिडी का लाभ मिलता है। पंजीकरण से उन्हें सरकारी ऋणदाताओं तक पहुंच बनाने में मदद मिलती है और वे कम ब्याज दर पर आसान ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
गडकरी ने मंगलवार को कहा कि जहां तक MSME की बात है, अब हम डीलरों को भी MSME का दर्जा देने पर विचार कर रहे हैं। इस पर विचार चल रहा है। इससे उन्हें भी MSME को मिलने वाले लाभ मिल सकेंगे। मंत्री ने एक बार फिर बड़े उद्योगों से अपील की कि वे MSME के बकाये का भुगतान समयबद्ध तरीके से कर दें। उन्होंने कहा कि हम वित्त मंत्रालय से आग्रह कर रहे हैं कि जो उद्योग आयकर को ध्यान में रखते हुए अपने प्रौद्योगिकी केंद्र, प्रशिक्षण केंद्र, अनुसंधान केंद्र बनाना चाहते हैं, क्या हम उन्हें कुछ और समर्थन देने की स्थिति में हैं। इससे उन्हें और शोध और नवोन्मेषण के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा MSME मंत्री गडकरी ‘निर्माण उपकरण, प्रौद्योगिकी कलपुर्जो तथा संग्राहकों’ पर आयोजित एक वर्चुअल प्रदर्शनी को संबोधित कर रह थे। गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को हासिल करने के लिये देश को आयात को कम करने और ऑटोमोबाइल एवं निर्माण कलपुर्जो के क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत है।
उन्होंने उद्योगों से औद्योगिकी शंकुल विकसित करने, प्रौद्यागिकी केन्द्र बनाने, अनुसंधान शालायें खोलने और प्रौद्योगिकी एवं कौशल को अद्यतन करने की अपील की। उन्होंने सभी संबद्ध पक्षों को उनके प्रौद्योगिकी केन्द्र खालने में हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मंत्री ने अनुसंधान, नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर जोर देते हुए इसके लिए आसान विदेशी वित्त और उपयुक्त प्रौद्योगिकी पाने के वास्ते संयुक्त उद्यम बनाने और विदेशी गठबंधन बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह के परिवहन को भी विकास करने पर ध्यान दे रही है। जलमार्ग हो अथवा समुद्री परिवहन, रेल, सड़क और हवाई परिवहन को विकसित किया जा रहा है। इससे तमाम तरह की सुविधायें पाने पर होने वाला खर्च कम होगा और उद्योगों को लागत कम करने में काफी मदद मिलेगी।