नई दिल्ली: 25 मार्च से लगे देशव्यापी लॉकडाउन से अब धीरे-धीरे बाहर आने का काम शुरू हो गया है। 12 मई से नई दिल्ली से देश के अन्य शहरों के लिए 15 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलने वाली हैं। देश में जल्द ही हवाई सेवाएं भी शुरू हो सकती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर कई तरह की तैयारियां की जा रही है, जिससे सेवा शुरू होने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यात्री अपनी यात्रा कर सकें। अब दिल्ली मेट्रो की तरफ से भी ऐसे संकेत मिले हैं कि जल्द ही इसकी भी सेवा शुरू हो जाएगी।
दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि मेट्रो स्टेशनों पर सफाई का काम किया जा रहा है। डीएमआरसी ने ट्वीट कर बताया, 'सुरक्षित संचालन शुरू करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हाउसकीपिंग कर्मचारियों को स्टेशनों में तैनात किया जाता है ताकि पैसेंजर मूवमेंट एरिया और संबंधित उपकरणों जैसे एएफसी गेट्स, लिफ्ट और एस्केलेटर को साफ किया जा सके।'
17 मई को लॉकडाउन 3 समाप्त हो रहा है। आगे क्या होगा, इस पर फैसला लिया जाना बाकी है। 1 मई को DMRC ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन के विस्तार के बाद मेट्रो सेवाएं 17 मई तक यात्रियों के लिए बंद रहेंगी। हमारी हेल्पलाइन सेवा 155370 भी उपलब्ध नहीं होगी। आप helpline@dmrc.org के माध्यम से हम तक पहुंच सकते हैं।
ये नियम हो सकते हैं लागू
अब मेट्रो की सेवा शुरू होगी तो वो पहले की तुलना में यात्रियों के लिए अलग हो सकती है। बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ ने इस संबंध में प्लान पेश किया है, जिसके मुताबिक यात्रियों को फेस मास्क के साथ साथ आरोग्य सेतु ऐप का होना अनिवार्य है। अगर किसी यात्री के पास यह दोनों चीजें उपलब्ध नहीं होंगी तो उसे किसी भी कीमत पर स्टेशन में एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अलावा ऐसे किसी भी यात्री में फ्लू का लक्षण दिखाई देगा तो उसे भी यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
मेट्रो में 30 लाख लोग करते हैं यात्रा
दिल्ली मेट्रो में हर दिन करीब 30 लाख लोग यात्रा करते हैं। इसका अर्थ यह है कि अगर लॉकडाउन के बाद मेट्रो संचालन को अनुमति मिलती है तो मेट्रो प्रशासन के लिए चुनौती होगी। दिल्ली मेट्रो सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है लिहाज आगे की तैयारियों का खाका खींचने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी। दिल्ली और एनसीआर के लोगों के लिए मेट्रो लाइफ लाइन की तरह है। लॉकडाउन से पहले सरकार के सामने मेट्रो संचालन बड़ी चुनौती थी। अगर कोरोना के फैलाव को देखें तो इसे रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का होना जरूरी होता है।