कोलकाता: कोरोना वायरस महामारी के चलते इस समय देश के ज्यादातर बिजनेस स्कूलों में छात्रों के लिए नौकरी हासिल करना और गर्मियों में इंटर्नशिप करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन आईआईएम कलकत्ता ने दावा किया है कि उसके यहां नौकरियों की पेशकश पर मामूली असर हुआ है। संस्थान ने बताया कि 2020 में 442 छात्रों को नौकरी मिल गई हैं, और 2019 के मुकाबले उनका औसत वेतन 10 प्रतिशत अधिक है। कोरोना वायरस महामारी के चलते सिर्फ एक कंपनी ने अपने छह भर्ती प्रस्ताव को रद्द किया।
आईआईएम कलकत्ता के नियोजन समिति के अध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते सिर्फ एक भर्ती करने वाले के वैश्विक मुख्यालय ने छह नौकरी पेशकश को रद्द किया। अन्य भर्ती करने वालों ने नियुक्ति की तारीख को मई से जुलाई करने का अंतरिक कारोबारी निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि एक स्टार्टअप व्यावसायिक कठिनाइयों के बारे में बताया है, लेकिन कि हमारी नवीनतम जानकारी यह है कि उसकी हमारे छात्रों को नौकरी की पेशकश यथावत है।
गोयल ने कहा इसके अलावा लगभग सभी भर्ती करने वाले अपनी तय योजना के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं और कुछ ने पहले ही ‘वर्चुअल जॉइनिंग’ की व्यवस्था कर दी है।आमतौर पर अप्रैल से अगस्त के बीच भर्तियां होती हैं, जो भर्ती करने वालों की योजना पर निर्भर करता है।एक भर्ती एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि भर्ती करने वालों की गुणवत्ता को देखते हुए कहा जा सकता है कि आईआईएम कोलकाता के छात्रों पर बेहद मामूली असर हुआ है, लेकिन देश के अन्य प्रबंधन स्कूलों के लिए स्थिति इतनी आरामदायक नहीं है।
आईआईएम कोलकाता की निदेशक अंजू सेठ ने कहा कि संस्था ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर कई उपाय किए हैं, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अकादमिक सत्र को बदलना भी शामिल है। सेठ ने कहा कि हमने अपने कार्यक्रमों में ऑनलाइन शिक्षण के नए मॉडलों को अपनाने के लिए तेजी से प्रयास किए हैं। हम नई परिस्थितियों को करीब से देख रहे हैं और विभिन्न संभावनाओं के लिए कार्ययोजनाओं के साथ तैयार हैं।चार भर्ती करने वालों ने अपने ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप प्रस्तावों को रद्द कर दिया है, जिससे 480 में से 12 छात्र प्रभावित हुए हैं। गोयल ने कहा कि इनमें से नौ छात्रों को पहले ही नई इंटर्नशिप प्रदान की जा चुकी हैं। संस्थान बाकी तीन छात्रों के लिए वैकल्पिक अवसर खोजने के लिए सभी प्रयास कर रहा है।