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बजट 2021 में भारत सरकार द्वारा कीमती धातुओं पर आयात शुल्क में कटौती के बाद भारतीय बाजारों सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट हुई हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, पिछले कुछ दिनों से चांदी पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिससे कीमतें बढ़ी। खुदरा निवेशकों के बाजार में आने से कीमतों में तेजी आई है। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि निकट भविष्य में कीमतें अस्थिर रहेंगी या कम हो सकती हैं।
सोना-चांदी में निवेश से पहले खुदरा निवेशक जानें ये जरूरी बातें
- बजट में भारत सरकार ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में कटौती की, जिससे कीमतों में तेज अंतर-दिवस की अस्थिरता आई। बजट प्रस्तावों की घोषणा के बाद सोमवार को एमसीएक्स पर सोने की कीमतें करीब 2,000 रुपए प्रति 10 ग्राम इंट्रा डे पर गिर गईं, लेकिन बल्क में लॉस हुआ।
- सरकार ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया, लेकिन आयात पर 2.5% सेस (अलग से टैक्स) लगाया।
- विश्लेषकों का कहना है कि भारत में सोने का आयात पहले प्रभावी रूप से 12.5% के मुकाबले 10.75% टैक्स को आकर्षित करेगा। भारत अपनी सोने की आवश्यकता के थोक आयात करता है और घरेलू कीमतों में आयात शुल्क और 3% जीएसटी शामिल हैं।
- जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड कमोडिटीज हरेश वी ने कहा कि 1800 डॉलर की तत्काल सपोर्ट की वजह से कीमतों में गिरावट आई है और कीमतों में रिकवरी कमियां आएंगी। हालांकि, मोमेनटम को स्थिर करने के लिए 1885 डॉलर से ज्यादा की सीधी बढ़त की जरुरत है। उन्होंने कहा कि लेकिन बेहतर वैश्विक आर्थिक भावना और फर्म इक्विटी के संकेत कमोडिटी में प्रमुख लाभ को रोक सकते हैं। घरेलू स्तर पर हालिया यूनियन बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती से खुदरा मांग को बढ़ावा मिल सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, पिछले सत्र में आठ साल की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद चांदी गिर गई। सोमवार को 7.3% उछलकर 30.03 डॉलर के उच्चतम स्तर पर जाने के बाद हाजिर चांदी 1.6% फिसलकर 28.52 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। भारतीय बाजारों में, एमसीएक्स पर, पिछले तीन सत्रों में 7,000 की उछाल के साथ, चांदी की कीमतें 4% या 3,000 तक कम हो गईं।
- अमेरिकी कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (CFTC) के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एजेंसी चांदी बाजारों में हालिया गतिविधि की बारीकी से निगरानी कर रही है, क्योंकि इक्विटी बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है।