सदी की महामारी ने एक बार फिर देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिससे देश की आय में ऐतिहासिक बदलाव हुआ। दुनिया में यह सबसे खराब आय लेवल के लिए जाना जाता है। एक तरफ लाखों रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों और वेतन भोगियों को नौकरी गंवानी पड़ी। इन लोगों ने लॉकडाउन और घर पर रहने के प्रतिबंधों के कारण नौकरियों और अपनी आजीविका के साधनों को खो दिया था दूसरी तरफ शेयर बाजार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। जिससे लिस्टेड कुछ कंपनियों ने अरबों की कमाई की।
ऑक्सफैम (Oxfam) की रिपोर्ट 'द इनइक्वलिटी वायरस' के अनुसार, भारत के टॉप 100 अरबपतियों ने मार्च 2020 के बाद से अपनी संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी देखी। जो 138 मिलियन (13.8 करोड़) गरीब भारतीयों में से प्रत्येक को 94,045 रुपए के चेक देने के लिए पर्याप्त है। टॉप 100 को भूल जाओ, महामारी के दौरान सिर्फ 11 सबसे अमीर भारतीयों की संपत्ति जितनी बढ़ी उससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) योजना या भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय को 10 साल तक बनाए रखने के लिए पर्याप्त है। गौर हो कि सरकार की अस्थायी नौकरी की गारंटी योजना के लिए 2020-21 बजट अनुमान 61,000 करोड़ रुपए था और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 राहत उपायों के हिस्से के रूप में मई 2020 में एक और 40,000 रुपए का आवंटन किया।
ऑक्सफैम रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में 35% की वृद्धि हुई। और 2009 से 90% बढ़ी। जो 422.9 बिलियन डॉलर हो गई। इस रैंकिंग में अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद भारत छठे स्थान पर है।इस अवधि के दौरान भारत के अरबपतियों के धन की वृद्धि 15% अधिक थी।
उदाहरण के लिए, भारत के सबसे अमीर अरबपति मुकेश अंबानी, जो महामारी के दौरान दुनिया के चौथे सबसे अमीर आदमी बन गए, महामारी के दौरान प्रति घंटे 90 करोड़ रुपए कमा रहे थे, जब लॉकडाउन के दौरान देश में करीब 24% लोग प्रति महीने 3000 रुपए से कम कमा रहे थे। अंबानी फिलहाल 79.2 अरब डॉलर के साथ ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स पर 11 वें स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के दौरान एक घंटे में अंबानी ने जितने रुपए कमाए। उतने कमाने में अनस्किल्ड वर्कर को 10,000 साल लगेंगे। और अंबानी ने 1 सेकेंड में जितना कमाया, उतने कमाने में तीन साल लगेंगे।
साथ ही कहा गया कि देश के 954 सबसे अमीर परिवारों पर 4% संपत्ति कर, भारत के जीडीपी के 1 प्रतिशत के बराबर हो सकता है। भारत के लिए महामारी के दौरान सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में अनुपातहीन बढ़ोतरी घटना अद्वितीय नहीं है।
18 मार्च और 31 दिसंबर, 2020 के बीच दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में 3.9 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई। उनकी कुल संपत्ति अब 11.95 ट्रुलियन डॉलर, जो 107 है जो G20 देशों के सरकारों द्वारा महामारी के लिए किये गए खर्च के बराबर है। दुनिया के 50 सबसे अमीर अरबपतियों में से केवल 3 ने उस अवधि में अपनी किस्मत को कम देखा और उनकी संपत्ति में 3 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। विश्व स्तर पर, दो अरबपति जिन्होंने इस अवधि में अपने धन में सबसे बड़ी वृद्धि देखी, वे टैक्नोलॉजी और मोटर वाहन, बैटरी उत्पादन और अंतरिक्ष क्षेत्रों में सक्रिय हैं। एलोन मस्क ने अपनी शुद्ध संपत्ति 128.9 बिलियन डॉलर, जेफ बेजोस ने 78.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि की। दुनिया के 10 सबसे अमीर अरबपतियों ने इस अवधि में सामूहिक रूप से 540 अरब डॉलर की संपत्ति में वृद्धि देखी है।