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Edible Oil rates : सरसों, सोयाबीन के भाव दबाव में, पाम तेल सहित सभी तेल तिलहन में गिरावट

Updated Jul 10, 2020 | 18:33 IST

Edible Oil Price : सस्ते विदेशी तेलों का आयात बढ़ने के घरेलू तेलों पर दबाव बढ़ गया। इससे खाने वाले तेल, तिलहन की कीमतों में गिरावट आ गई है।

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पाम तेल सहित सभी तेल तिलहन में गिरावट
मुख्य बातें
  • आयातित तेलों के भाव देशी तेलों से 25 से 30 प्रतिशत नीचे होने की वजह से होटलों और रेस्तरां में पाम तेल की मांग अधिक है
  • मलेशिया में पाम तेल का भारी स्टॉक जमा होने से कच्चे पॉम तेल के दाम नीचे गिरते जा रहे हैं
  • सूत्रों ने कहा कि सरकार को पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाने के बजाय खाद्य तेलों के बढ़ते आयात पर शुल्क लगाना चाहिए

Oil oilseeds Prices : सस्ते विदेशी तेलों का आयात बढ़ने के कारण दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को घरेलू तेलों पर दबाव बढ़ गया। इससे सोयाबीन तेल, तिलहन की कीमतों में गिरावट आ गई जबकि सरसों, मूंगफली और अन्य देशी तेल- तिलहन के भाव सीमित दायरे में रहे। बाजार सूत्रों ने कहा कि किसानों के पास सोयाबीन का भारी स्टॉक पड़ा है। नई सोयाबीन भी जल्द ही खेतों से निकलने वाली है ऐसे में मंडियों में भाव कमजोर होने के बावजूद उन्हें घटे भाव पर माल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। सोयाबीन की नई बम्पर फसल को देखते हुए इसका सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले टिक पाना मुश्किल लग रहा है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि घरेलू सोयाबीन उत्पादकों और तेल उद्योग के हित में सरकार को विदेशों से सस्ते आयात पर उचित मात्रा में आयात शुल्क लगाना चाहिये ताकि घरेलू उत्पादों को उनके उत्पाद का कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके और तेल उद्योग सस्ते तेलों के बीच प्रतिस्पर्धा में ठहर सके। घरेलू तेल उद्योग के बने रहने से ही सरकार का आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा, अन्यथा विदेशों से तेलों का आयात बढ़त रहेगा और घरेलू उद्योग मरता रहेगा।

सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के भाव देशी तेलों से 25 से 30 प्रतिशत नीचे होने की वजह से होटलों और रेस्तरां में पाम तेल की मांग अधिक है। उधर, मलेशिया में पाम तेल का भारी स्टॉक जमा होने तथा आगे इसका उत्पादन बढ़ने की संभावना को देखते हुए कच्चे पॉम तेल के दाम नीचे गिरते जा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार को पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाने के बजाय खाद्य तेलों के बढ़ते आयात पर शुल्क लगाना चाहिये। इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा और स्थानीय तेल- तिलहन उद्योग का भी भला होगा।

शुक्रवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 4,755- 4,780 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली दाना - 4,825 - 4,875 रुपये।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,140 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,940 - 1,190 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,670 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,545 - 1,685 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,640 - 1,760 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,880 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,740 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम- 7,750 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 6,770 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,250 रुपये।
पामोलीन कांडला- 7,500 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,705- 3,730 लूज में 3,440--3,505 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये
 

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