नई दिल्ली। गुरुवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) मुख्य रूप से उच्च व्यय के कारण पूरे साल के बजट लक्ष्य का 82.7 फीसदी था।
फरवरी के अंत में इतना था घाटा
पिछले वित्तीय वर्ष में, राजकोषीय घाटा या व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 2020-21 के संशोधित अनुमान (RE) का 76 फीसदी था। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (Controller General of Accounts, CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी के अंत में घाटा 13,16,595 करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष में इतना रह सकता है राजकोषीय घाटा
पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह संशोधित अनुमान का 81.7 फीसदी था। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.9 फीसदी या 15.91 लाख करोड़ रुपये रहेगा।
5.8 फीसदी रही कोर सेक्टर की वृद्धि दर
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में भारत के कोर सेक्टर की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही। आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के उत्पादन में जनवरी 2022 में सालाना आधार पर 4.0 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि फरवरी 2021 में इसमें 3.3 फीसदी की कमी आई थी।
आईआईपी में कोर सेक्टर का 40 फीसदी हिस्सा
आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल और फरवरी 2021-22 के बीच आठ कोर इंडस्ट्रीज के सूचकांक (ICI) की संचयी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.0 फीसदी थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में कोर सेक्टर का 40 फीसदी हिस्सा है, जो इसे औद्योगिक गतिविधि का प्रमुख संकेतक बनाता है।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड में आर्थिक सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि नवंबर 2021 के लिए मुख्य क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर को इसके अनंतिम स्तर 3.1 फीसदी से 3.2 फीसदी तक संशोधित किया गया है।